Pradhan Mantri Gramin Awaas Yojana : रमकंडा : गढ़वा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बननेवाले आवासों की मजदूरी के भुगतान में बड़ा घपला हुआ है. मामला गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड की बिराजपुर पंचायत का है. आरोप है कि स्वयंसेवक अरुण कुमार ने मनरेगा के तहत पीएम आवास योजना में काम कर रहे मजदूरों के बदले अपने चहेते मजदूरों के नाम से डिमांड जारी कराया और मजदूरी मद में जारी लाखों रुपये डकार गया है. पढ़िए मुकेश तिवारी की रिपोर्ट.
गढ़वा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बननेवाले आवासों की मजदूरी के भुगतान में बड़ा घपला हुआ है. इस घपले का खुलासा खुद बिराजपुर पंचायत के लाभुकों ने किया है. वास्तविक मजदूरों के तगादे से परेशान लाभुक प्रखंड कार्यालय पहुंचे और एमआइएस ऑपरेटर से अपने यहां काम करनेवाले मनरेगा मजदूरों के नाम से डिमांड जारी कराने का आवेदन दिया. इस पर लाभुकों को बताया गया कि उनके आवास के लिए मजदूरी मद में डिमांड जारी हो चुका है. साथ ही मजदूरों के खाते में मजदूरी की राशि भेज दी गयी है.
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जब इस मामले की पड़ताल की गयी, तो पता चला कि स्वयंसेवक अरुण कुमार ने वास्तविक मजदूरों के बदले दूसरे मजदूरों के नाम से डिमांड जारी कराया और उनकी मजदूरी के लाखों रुपये डकार गया है. उसने यह राशि अपने ही सीएसपी (ग्राहक सेवा केंद्र) से निकाली है. मामले का खुलासा होने के बाद बिराजपुर के मुखिया विजय प्रकाश कुजूर ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. इस बैठक में मौजूद स्वयंसेवक अरुण कुमार ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए यह आश्वासन दिया था कि वह एक सप्ताह में ही सभी लाभुकों को उनकी राशि लौटा देगा. हालांकि, उसने अब तक राशि नहीं लौटायी है और आनाकानी कर रहा है.
इन लाभुकों के पैसे स्वयंसेवक डकार चुका है. इनमें बरवा गांव निवासी बेलास तिर्की के आवास की मजदूरी मद के 6,984 रुपये, बरवा गांव निवासी फुलमनिया तिर्की के आवास की मजदूरी मद के 4,656 रुपये, बरवा गांव निवासी गुंजरी लकड़ा के आवास की मजदूरी मद के 6,156 रुपये, बरवा गांव निवासी जामिनी तिर्की के आवास की मजदूरी मद के 4,656 रुपये निकाल चुका है.
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स्वयंसेवक ने बरवा गांव में पीएम आवास योजना के तहत ऐसे मजदूरों को काम करते हुए दर्शाया है, जो फिलहाल राज्य से बाहर हैं. मिसाल के तौर पर बरवा गांव निवासी अरुण लकड़ा के आवास में असमु खलखो को भी छह दिन काम करते हुए दिखाया गया है. जबकि, वह अपनी पत्नी के साथ काम करने के लिए एक साल से राज्य से बाहर गया हुआ है. स्वयंसेवक ने उक्त मजदूर के नाम से डिमांड करा कर उसके खाते में मजदूरी मद के 1026 रुपये भी डलवा दिये हैं.
रमकंडा प्रखंड की बिराजपुर पंचायत के बरवा गांव निवासी बेलास तिर्की को वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था. विभाग ने लाभुक के खाते में आवास की राशि भी हस्तांतरित कर दी, लेकिन उक्त योजना में मनरेगा के तहत मजदूरी मद में मिलनेवाले 16,245 रुपये में से अब तक 12,804 रुपये ही भुगतान किया गया. जब इसकी जानकारी लेने के लिए लाभुक के परिजन प्रखंड कार्यालय पहुंचे, तो पता चला कि उसके आवास में काम नहीं करनेवाले गांव के ही पांच मजदूरों के खाते में मास्टर रोल संख्या 509 के माध्यम से 6,984 रुपये का भुगतान किया जा चुका है. लाभुक के परिजन ज्योति तिर्की ने गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी. बाद में पता चला कि गांव के जिन पांच मजदूरों के नाम पर डिमांड कराया गया था, स्वयंसेवक उनके खाते से राशि निकाल चुका है. लाभुक फिलहाल अपनी जेब से मजदूरों को भुगतान कर रहा है.
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स्वयंसेवक अरुण कुमार ने बताया कि आवास निर्माण के दौरान डिमांड नहीं हो पाया था. डिमांड के लिए अधिकारियों का दबाव था. गांव में अन्य योजनाओं का काम चल रहा था, इसलिए मनरेगा मजदूरों का कार्ड खाली नहीं था. ऐसे में गांव के ही अन्य मजदूरों के नाम पर डिमांड करा दिया गया. मजदूरों से पैसा निकलवा कर लाभुक को दिया जा रहा है.
बिराजपुर पंचायत के मुखिया विजय प्रकाश कुजूर ने कहा कि पंचायत के अन्य गांव के प्रधानमंत्री आवास योजना में इस तरह की गड़बड़ी की सूचना मिली है. वेज लिस्ट निकालकर मामले की जांच की जा रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra