Chaitra Som Pradosh Vrat 2023: आज है सोम प्रदोष व्रत, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि
Chaitra Som Pradosh Vrat 2023: जब कभी सोमवार को त्रयोदशी तिथि लगती है तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं. पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत बहुत खास होने वाला है, क्योंकि ये सोम प्रदोष व्रत होगा.आइए जानते हैं चैत्र माह के सोम प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि.
Chaitra Som Pradosh Vrat 2023: सोमवार को जब त्रयोदशी तिथि लगती है तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं. सोमवार को लगने वाले प्रदोष व्रत का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है. चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी आज 3 अप्रैल को प्रदोष प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत बहुत खास होने वाला है, क्योंकि ये सोम प्रदोष व्रत होगा.आइए जानते हैं चैत्र माह के सोम प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि.
सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त
3 अप्रैल शाम 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट
वहीं,अप्रैल में दूसरा सोम प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को किया जाएगा. इस दिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी. इस दिन दोपहर 3 बजकर 47 मिनट से त्रयोदशी तिथि लगेगी और प्रदोष व्रत का पूजन शाम 5 बजकर 57 मिनट से 7 बजकर 32 मिनट तक किया जा सकेगा.
शिव पूजा का मुहूर्त – शाम 06 बजकर 40 – राज 08 बजकर 58 (3 अप्रैल 2023)
सोम प्रदोष व्रत महत्व (Som Pradosh Vrat Significance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार सोम प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों का दान करने के बराबर मिलता है. सोम प्रदोष व्रत के दिन इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशियां दस्तक देती हैं. जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है उन्हें सोम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए, इसके परिणाम स्वरूप कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है.
करें इस मंत्र का जाप
पूजा के समय निरंतर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें और भगवान शिव का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र- ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात..’ मंत्र का जाप अवश्य करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विधि से भोलेनाथ की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.