प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा 7 या 8 फरवरी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. फरवरी में माघ मास का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा. यह व्रत बुधवार को होने के कारण बुध प्रदोष व्रत है.

By Radheshyam Kushwaha | February 5, 2024 10:24 AM
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Pradosh Vrat February 2024 Date: प्रदोष व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. प्रदोष व्रत हर मास में दो बार रखा जाता है. प्रदोष व्रत पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाते हैं. प्रदोष हर माह में त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. फरवरी में माघ मास का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा. यह व्रत बुधवार को होने के कारण बुध प्रदोष व्रत है. धार्मिक मान्यता के अनुसार हर प्रदोष व्रत के लाभ भी अलग-अलग होते हैं. आइए जानते है फरवरी का पहला प्रदोष व्रत की सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में…

प्रदोष व्रत तिथि

  • माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरुआत 7 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर होगी.

  • माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्ति 8 फरवरी दिन गुरुवार को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगी.

  • प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त के आधार पर फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी दिन बुधवार को रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 05 मिनट से रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगी. शिव पूजा के लिए आपको ढाई घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा.

इस नक्षत्र में रखा जाएगा प्रदोष

प्रदोष व्रत वज्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र में रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन वज्र योग पूरे दिन रहेगा. 08 फरवरी को 02 बजकर 53 मिनट पर सिद्धि योग लगेगा. वहीं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 8 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट तक है. उस दिन का ब्रह्म् मुहूर्त सुबह 05 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक है.

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प्रदोष व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ इस व्रत को करता है उसे संतोष, धन और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत आध्यात्मिक उत्थान और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है. प्रदोष व्रत का उपवास रखने से देवों के देव महादेव अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं. यह प्रदोष व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते है और उन्हें शिव धाम की प्राप्ति होती है.

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