14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

माघ मास का पहला प्रदोष व्रत कब है?, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Pradosh Vrat 2024 in February: हर माह की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है, इस व्रत को करने से संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं. माघ मास का प्रदोष व्रत बुधवार के दिन होने के कारण यह बुध प्रदोष व्रत होगा.

Pradosh Vrat 2024 in February: माघ मास और फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी 2024 दिन बुधवार को है. हर माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अलग-अलग नाम और महत्व है. माघ मास का प्रदोष व्रत बुधवार के दिन होने के कारण यह बुध प्रदोष व्रत होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है, इस व्रत को करने से संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं. कुशाग्र बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए कुंडली में बुध और गुरु, सूर्य का शुभ और बलवान होना जरूरी होता है. बुध प्रदोष व्रत के प्रताप ये तीनों ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं. माघ महीने में बुध प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं बुध प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व के बारें में…

फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 2024 तिथि

माघ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी 2024 को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी. त्रयोदशी तिथि अगले दिन 8 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी, इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा के लिए साधक को 2 घंटे 36 मिनट का समय मिलेगा. इस दिन शाम 06 बजकर 50 मिनट से रात 08 बजकर 41 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • त्रयोदशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं.

  • इस दिन स्नान आदि करने के बाद आप साफ वस्त्र पहन लें.

  • फिर बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें.

  • पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त के समय स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें.

  • आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें.

  • अब आप गाय का गोबर ले और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें.

  • पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें.

  • आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं.

  • भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.

Also Read: फरवरी महीने में कब है एकादशी, प्रदोष व्रत, अमावस्या, बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा, यहां देखें पूरी लिस्ट
प्रदोष व्रत में शाम की पूजा कैसे करें?

भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं. फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें. भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं.

बुध प्रदोष व्रत महत्व

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. बुधवार के दिन आने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है. बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह और शाम के समय भगवान गणेश जी के सामने हरी इलायची अर्पित करें और 27 बार ॐ बुद्धिप्रदाये नमः मन्त्र का सुबह शाम जाप करें तथा प्रसाद के रूप में इलायची खाने का विधान है, इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें