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गोरखपुर: रेलवे अफसर को गिरफ्तार कराने वाला प्रणव जा चुका है जेल, करोड़ों के खेल में कई और लोग CBI की रडार पर

सीबीआई का छापा और रंगे हाथ रिश्वत लेते केसी जोशी की गिरफ्तारी के बाद उनके करीबी अफसर और भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य लोगों को अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है. वहीं पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले प्रणव त्रिपाठी का दामन भी दागदार है.

Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर में तैनात प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (प्रिंसिपल चीफ मैटीरियल मैनेजर) केसी जोशी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई कई अन्य अफसरों पर शिकंजा कस सकती है. केसी जोशी की गिरफ्तारी को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे में जहां गुरुवर को भी चर्चा होती रही, वहीं संभावना जतायी जा रही है कि कुछ अन्य अफसर भी सीबीआई की रडार पर हैं.

केसी जोशी के करीबी निशाने पर

बताया जा रहा है कि पूर्वोत्तर रेलवे के तीन-चार और अफसर भ्रष्टाचार के मामले में केसी जोशी के साथ संलिप्त थे. इसमें दो अफसर केसी जोशी के खास माने जाते हैं. हालांकि, सीबीआई की तरफ से किसी और नाम का खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन, माना जा रहा है कि सबूत मिलते ही सीबीआई इन्हें हिरासत में ले सकती है.

शिकायत करने वाला प्रणव इस केस में गया था जेल

सीबीआई का छापा और रंगे हाथ रिश्वत लेते केसी जोशी की गिरफ्तारी के बाद ये अफसर और भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य लोगों को अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है. वहीं पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले प्रणव त्रिपाठी का दामन भी दागदार है. प्रणव गोरखपुर के अलहदादपुर मोहल्ले का प्रणव शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रामशरण श्रीवास्तव से आठ लाख रुपए की रंगदारी वसूलने की साजिश में जेल जा चुका है.

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काफी समय से अफसर के संपर्क में था प्रणव

इस बार वह भ्रष्टाचारी अफसर को पकड़वाने के बाद सुर्खियों में आ गया है. कहा जा रहा है कि प्रणव ठेके को लेकर लंबे समय से प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी के संपर्क में था. यही वजह थी कि उसके पास सटीक जानकारी थी कि रुपए कहां से बरामद हो सकते हैं. ये भी चर्चा है कि केसी जोशी से किसी बात पर अनबन होने के कारण ही उसने शिकायत की.

प्रणव की क्रिमिनल हिस्ट्री पर नजर डालें तो पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 21 मई 2019 को प्रणव और उसके करीबी मित्र रहे तत्काल चौकी इंचार्ज ट्रांसपोर्टनगर शिव प्रकाश सिंह ने मिलकर रंगदारी वसूलने की साजिश रची थी. इन लोगों ने शहर के मशहूर डॉक्टर रामशरण श्रीवास्तव को धमकाते हुए उनके खिलाफ एक लड़की की ओर से दुष्कर्म का आरोप लगाने की जानकारी दी. इसके बाद उनसे आठ लाख रुपयए वसूले.

बाद में डॉक्टर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी शिकायत दी, जिसके बाद आरोपी चौकी इंचार्ज शिव प्रकाश सिंह और प्रणव त्रिपाठी को जेल भी जाना पड़ा. मामला न्यायालय में है. वहीं इस बार प्रणव त्रिपाठी ठेकेदार के रूप में सुर्खियों में आ गया है. उसने सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो में भ्रष्टाचारी अधिकारी केसी जोशी की शिकायत की, जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई.

2.61 करोड़ रुपए और कई दस्तावेज बरामद

पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर में तैनात प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने गिरफ्तार किया. सीबीआई ने केसी जोशी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 2.61 करोड़ रुपए और कई दस्तावेज बरामद किए हैं. केसी जोशी को रिमांड पर लेने के बाद सीबीआई के अफसर पूछताछ कर रहे हैं.

ठेकेदार प्रणव त्रिपाठी ने उन पर 7 लाख रुपए घूस मांगने का मुकदमा दर्ज कराया हैं. सीबीआई की टीम ने केसी जोशी को उनके घर से 5 लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सीबीआई की टीम केसी जोशी को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कार्यालय लेकर गई और जरूरी दस्तावेज लैपटॉप, हार्ड डिस्क के साथ वापस बंगले पर आ गई.

मार्च 2023 में विजिलेंस की टीम कर चुकी है छापेमारी

इससे पहले भी विजिलेंस की टीम ने 23 मार्च 2023 को गोरखपुर स्थित रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में छापेमारी की थी. उस समय दिल्ली से गोरखपुर पहुंची 6 सदस्यीय टीम ने कार्यालय का निरीक्षण कर कुछ अहम दस्तावेज और फाइलों को साथ लेकर टीम वापस चली गई थी. केसी जोशी 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस (IRSS) अधिकारी है. कहा जा रहा है कि सीबीआई की पूछताछ में जोशी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

जेम पोर्टल पर फॉर्म का पंजीकरण निरस्त करने की धमकी

दरअसल 9 सितंबर को रेलवे में सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्म सूक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर प्रणाम त्रिपाठी ने सीबीआई से केसी जोशी की शिकायत की थी. प्रणव ने लिखित पत्र के जरिए पुलिस अधीक्षक सीबीआई एसीबी लखनऊ से शिकायत की थी कि पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधन केसी जोशी उनसे 7 लाख की घूस मांग रहे हैं. रुपए नहीं देने पर उन्होंने जेम पोर्टल पर फॉर्म का पंजीकरण निरस्त करने की धमकी भी दी है.

शिकायतकर्ता प्रणव त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी फर्म को गोरखपुर स्थित स्टोर डिपो के लिए तीन ट्रक की आपूर्ति का टेंडर मिला है. लेकिन केसी जोशी का कहना है कि 7 लाख रुपए नहीं दिए तो उनकी पंजीकरण के साथ-साथ टेंडर को भी रद्द कर देंगे. इसको आधार मानते हुए सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है और केसी जोशी को पकड़ने का जाल बिछाया.

नोएडा स्थित आवास पर भी छापेमारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने केसी जोशी के नोएडा स्थित आवास पर भी छापेमारी की है. वहां से टीम को 50 लाख रुपए नकद मिले हैं. इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सीबीआई के हाथ लगे हैं, जिसे सीबीआई ने कब्जे में ले लिया है. उधर रेलवे के अधिकारी इस मामले में सीधे तौर पर कुछ बोलने से बच रहे हैं.

पहले भी पड़ चुका है सीबीआई का छापा

  • 19 फरवरी 2013 को पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित स्क्रैप डिपो में सीबीआई ने छापेमारी की थी.

  • 1 मई 2014 को पूर्वोत्तर रेलवे की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण के कार्यालय में दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी.

  • 22 जनवरी 2016 को पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग के एक डिप्टी चीफ इंजीनियर के चेंबर में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी टीम ने थावे–छपरा रेल खंड के आमान परिवर्तन से जुड़ी फाइलों को खंगाल था.

  • 8 अक्टूबर 2016 को पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग में अनियमित की जांच करने गोरखपुर सीबीआई की टीम पहुंची थी.

  • 15 फरवरी 2017 को सीबीआई की टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक व पूर्व मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से पूछताछ की थी.

    रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर

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