महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobti) का 74 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. मनोरंजन की दुनिया में अपने अभिनय से तहलका मचाने वाले महाभारत के भीम भारत के स्टार खिलाड़ी भी थे. उन्होंने ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भारत की न केवल अगुआई की, बल्कि कई मेडल भी जीते.
प्रवीण कुमार सोबती राष्ट्रमंडल खेलों में तारगोला फेंक में पदक जीतने वाले एक मात्र खिलाड़ी
प्रवीण कुमार सोबती एक शानदार खिलाड़ी थे और राष्ट्रमंडल खेलों की तारगोला फेंक (हैमर थ्रो) स्पर्धा में भारत के पहले और इकलौते पदक विजेता थे. पंजाब के सरहाली कलां गांव के रहने वाले सोबती बीएसएफ के पूर्व जवान थे.
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प्रवीण ने भारत के लिए जीते कई पदक
प्रवीण कुमार सोबती ने भारत के लिये एशियाई खेलों में दो स्वर्ण समेत चार पदक जीते थे. साठ और 70 के दशक में चक्काफेंक और तारगोला फेंक में उन्होंने कई पदक जीते जिसमें एशियाई खेलों के तीन और राष्ट्रमंडल खेल का एक पदक शामिल है.
प्रवीण सोबती ने दो-दो ओलंपिक में लिया था हिस्सा
उन्होंने 1968 मैक्सिको और 1972 म्युनिख ओलंपिक में भी भाग लिया जिसमें इस्राइली खिलाड़ियों की फलस्तीन के एक आतंकी समूह ने हत्या की थी. सोबती ने चक्का फेंक में 1966 और 1970 एशियाई खेलों में पदक जीता और 1966 में तारगोला फेंक में कांस्य और उसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था. उन्होंने 1974 एशियाई खेलों में चक्का फेंक में भी रजत पदक जीता था. राष्ट्रमंडल खेलों की तारगोला फेंक स्पर्धा में उनका रजत किसी भारतीय का इकलौता पदक है. वहीं 440 गज में 1958 में मिल्खा सिंह के स्वर्ण के बाद राष्ट्रमंडल ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत का दूसरा पदक था.