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Exclusive: बमबाजी के लिये कुख्यात है प्रयागराज, अपराधियों ही नहीं छात्रों के हाथों में भी पहुंचे बम

प्रयागराज के अपराधियों और बमबाजों के बढ़े मनोबल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बड़े राजनीतिज्ञ व तत्कालीन बीएसपी नेता व कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हमलाकर दिया था. 12 जुलाई 2010 को बहादुरगंज में हमला हुआ था. अब छात्रों के गैंग बम धमाके करके दहशत फैलाते हैं.

लखनऊ: प्रयागराज बमबाजी के लिये कुख्यात होता जा रहा है. चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में बम इस्तेमाल किये गये. इससे दहशत भी फैली और टारगेट भी आसानी से हिट हो गया. इसी तरह राजनीतिज्ञ नंदगोपाल गुप्ता नंदी पर भी 12 साल पहले बम से हमला हो चुका है. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हुए थे. अब बीजेपी नेता के बेटे पर बम से हमले का मामला सामने आया है.

स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा है बम बनाने का इतिहास

जानकार बताते हैं कि इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में बम बनाने का इतिहास स्वतंत्रता आंदोलन के समय का है. क्रांतिकारी अंग्रेजों से बचने के लिये बम बनाते थे. जब पुलिस उनका पीछा करती तो वह बम विस्फोट करके उसके धुएं का फायदा उठाते हुये फरार हो जाते थे. लेकिन कभी क्रांति का गवाह बनी बमबाजी अब हत्या और दहशत फैलाने के काम आ रही है.

नक्सलियों से आम लोगों तक पहुंचा बम बनाने का हुनर

जानकार ये भी बताते हैं कि प्रयागराज में 1971 में नक्सलवादी आंदोलन में फरार राजू नक्सलाइट ने लोगों को बम बनाना सिखाया था. इसके बाद बम बनाने का हुनर अपराधियों तक पहुंच गया. इसका इस्तेमाल वह दहशत फैलाने व हत्या में करने लगे. प्रयागराज में कई नामी बमबाज हुये हैं. चर्चा यहां तक है कि कुछ बमबाज ऐसे भी हुये हैं जो दौड़ते हुये बम बना लेते थे और अपने बचाव के लिये धमाकाकर देते थे.

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प्रयागराज में हुए हैं कई कुख्यात बमबाज 

प्रयागराज से मिली जानकारी के अनुसार चांद बाबा, राजेश नऊवा, छन्ने काने, प्रमोद पासी, भुक्खल महाराज, राजेश पासी, इस्लाम नाटे, पप्पू दाएं, जग्गा, सलीम नैनी, रईस तुल्ला, पप्पू डिस्को, किन्ना पासी बमबाजी के महारथी रहे हैं. इन अपराधियों पर पुलिस भी हाथ डालने से घबराती थी.

मंत्री नंदी पर भी हो चुका है बम से हमला

प्रयागराज के अपराधियों और बमबाजों के बढ़े मनोबल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बड़े राजनीतिज्ञ व तत्कालीन बीएसपी नेता व कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हमलाकर दिया था. 12 जुलाई 2010 को बहादुरगंज में हमला हुआ था. इस हमले में एक सुरक्षाकर्मी और एक पत्रकार को मौत हो गई थी. मंत्री नंदी भी गंभीर रूप से घायल हुए थे. उनके हाथ की उंगलियां इस हमले में चोटिल हो गयी थी.

बताया जाता है कि नंदी पर हमले में रिमोट कंट्रोल बम का इस्तेमाल हुआ था. एक स्कूटर में बम रखा गया था और नंदी के पहुंचने पर उसमें विस्फोट किया गया था. जांच में एक बड़े बाहुबली नेता का नाम सामने आया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसे गंभीरता से लिया था.

छात्रों के गैंग ‘भौकाल’ के लिये कर रहे धमाके

अपराधियों के अलावा प्रयागराज में बमबाजी छात्रों का भी शौक बन गयी है. छात्र गुट भौकाल बनाने के लिये एक दूसरे पर बम फोड़ते रहते हैं. बीते एक साल में इस तरह के कई मामले सामने आये हैं. इन छात्रों के गुट के अलग-अलग नाम हैं और वर्चस्व के लिये वह एक दूसरे गुट पर बम से हमला करते रहते हैं.

बड़े स्कूलों के छात्रों के हैं गैंग

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार स्कूली छात्रों के बिच्छू, इमॉरटल, लॉरेंस, सोलिटेयर, माया नाम के कई गैंग हैं. यह बमबाजी करके दहशत फैलाते हैं. दारागंज में 04 जुलाई 2022 को बर्थडे मना रहे छात्रों पर बम-गोलियों से हमले में एक नामी स्कूल के 11वीं व 12वीं के छात्रों का नाम आया था. इसमें पता चला था कि घटना ‘तांडव’ और ‘रामदल’ नाम के दो गुटों की रंजिश में हुई थी.

स्कूली छात्रों की प्रमुख वारदातें

4 जुलाई- बड़े हनुमान मंदिर के पास बर्थडे मना रहे छात्रों पर हमला

15 जुलाई- सिविल लाइंस में बुलेट रिपेयरिंग सेंटर पर बमबाजी

15 जुलाई- मेडिकल चौराहे के पास बमबाजी

22 जुलाई- बीएचएस गेट पर बमबाजी

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