-
महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में CBI को नहीं मिली लाइ डिटेक्टटर / पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत
-
सीजेएम हरेंद्र नाथ ने खारिज की सीबीआई की अर्जी
-
30 अक्टूबर तक बढ़ाई गई तीनों आरोपियो की रिमांड
Prayagraj News: बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में सीबीआई को सीजेएम कोर्ट से लाई डिटेक्टर/ पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत नहीं मिली. कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए योग गुरु आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों से इस टेस्ट के लिए उनकी सहमति को जाना. तीनों आरोपियों के सहमति न देने पर कोर्ट ने यह फैसला दिया. कोर्ट ने योग गुरू आनंद गिरि समेत सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी है.
गौरतलब है कि सीबीआई ने 12 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट में पॉलीग्राफी टेस्ट/ लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की अर्जी दी थी, जिस पर माननीय सीजेएम कोर्ट जज हरेंद्र नाथ ने आज सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया. सोमवार को हुई सुनवाई में माननीय कोर्ट के सामने योग गुरू आनंद गिरि के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव और विजय द्विवेदी ने उनका पक्ष रखा.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. इससे पहले सीबीआई ने तीनों आरोपियों की 10 दिन की रिमांड मांगी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने सात दिन के रिमांड को मंजूरी दी थी. रिमांड पूरी होने के बाद सीबीआई ने आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को वापस नैनी जेल भेज दिया था.
पिछली तारीख को कोर्ट ने आरोपियों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत दूसरी बार बढ़ाते हुए 18 अक्टूबर की थी. अब, एक बार फिर आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है.
महंत नरेंद्र गिरि की कथित मौत की जांच कर रही सीबीआई ने सुसाइड नोट पर उठे तमाम सवालों का जवाब ढूंढने और उसकी सत्यता का पता लगाने में जुटी हुई है. इसी कड़ी में सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्यों और उनके करीबियों से जांच के लिए उनके लिखावट के नमूने लिए थे. अब सीबीआई शिष्यों और उनके करीबियों के लिखावट के नमूनों का महंत के सुसाइड नोट से मिलान कर परीक्षण करेगी.
(रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज)