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गोहरी कांड: फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कहा, पुलिस के जिम्मेदारों पर भी चले मुकदमा, लापरवाही से गई जान

गोहरी कांड पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस के जिम्मेदारों पर भी मुकदमा चले. अगर पुलिस ने ईमानदारी से काम किया होता तो जान बच सकती थी.

Prayagraj News: प्रयागराज जिले के फाफामऊ क्षेत्र के गोहरी गांव में चार लोगों की हत्या और बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर हत्या मामले में फैक्ट फाइंडिंग की रिपोर्ट में कई चीजें सामने आई हैं. रिपोर्ट में सीओ पुलिस, थाने की पुलिस के साथ ही बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई है.

फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से सामने आया है कि पीड़ित परिवार 2019 से ही परेशान था. पुलिस ने अपना काम ईमानदारी से किया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. पुलिस की हीलाहवाली ने अपराधियों के हौसले को बढ़ा दिया. यह फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट राष्ट्रीय दलित न्याय आंदोलन, भारत जन विज्ञान समिति व डायनेमिक एक्शन ग्रुप की ओर से तैयार की गई है.

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गौरतलब है कि इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव हरीश चंद्रा, एडवोकेट राहुल सिंह, पूर्व एसपी बहादुर राम, एडवोकेट राम दुलारे समेत कई लोग हैं. फैक्ट फाइटिंग कमेटी ने यह रिपोर्ट जिलाधिकारी संजय खत्री को सौंपी है. रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की थी.

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फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का कहना है पुलिस शुरू से ही नामजद आरोपियों को बचा रही है. पीड़ित परिवार ने इस संबंध में पुलिस महौर कमे के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर कार्रवाई की गुहार भी लगाई थी, लेकिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष की फरियाद पर ध्यान नहीं दिया.

पीड़ित परिवार चाहता है, सरकार CBI से कराए जांच

पूर्व सचिव हरिश्चंद्रा ने कहा कि इस मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया पर कई सवाल उठे हैं. पुलिस शुरू से ही आरोपियों का पक्ष ले रही है. पूरे प्रकरण को दबाने के लिए पुलिस कुछ बेकसूर लोगों को फंसाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार चाहता है मामले की जांच सीबीआई के द्वारा कराई जाय. साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस के कर्मचारियों पर भी मुकदमा चलाया जाए. इसके अलावा, एससी/एसटी के तहत भी अभियोग चलाया जाए.

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(रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज)

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