24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा

मंदिर के पुजारी प्रभात खबर से बात करते हुए बताते हैं कि प्रभु राम तमसा नदी होते हुए माता जानकी, लक्ष्मण और सारथी सुमंत के साथ श्रृंगवेरपुर पहुंचे.

Undefined
श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा 6

Shringverpur Story: प्रयागराज में श्रृंगवेरपुर धाम से करीब दो किमी दूर स्थित रामचौरा के बारे में धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित है कि यह वही स्थान है, जहां प्रभु श्रीराम ने गंगा नदी पार करने से पहले रात्रि विश्राम किया था. यह स्थान राम शयन आश्रम (राम चौरा) के नाम से विख्यात है.

Undefined
श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा 7

मंदिर के पुजारी प्रभात खबर से बात करते हुए बताते हैं कि प्रभु राम तमसा नदी होते हुए माता जानकी, लक्ष्मण और सारथी सुमंत के साथ श्रृंगवेरपुर पहुंचे. चक्रवर्ती राजा दशरथ के पुत्र प्रभु राम के यहां पहुंचने की सूचना जब निषादराज को मिली तो वो उनसे मिलने यहां आए और अपने महल चलने को कहा.

Undefined
श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा 8

प्रभु राम ने वनवास की बात कहकर गांव में प्रवेश वर्जित बताया. जिसके बाद निषाद उन्हें राम चौरा लेकर आए. शीशम के वृक्ष के नीचे राम सीता ने रात्रि विश्राम किया. यहीं पर लक्ष्मण जी ने निषादराज को उपदेश दिया था. राम शयन आश्रम के पुजारी आगे बताते हैं कि भारद्वाज मुनि के आश्रम पहुंचने से पहले प्रभु राम यहीं रामघाट से काठ की नौका से गंगा नदी पार किए थे. केवट ने यहीं पर प्रभु राम के पाव पखारे थे.

Undefined
श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा 9

राम घाट शयन आश्रम से करीब 200 मीटर दूर स्थित है. कार्तिक पूर्णिमा पर यहां पर विशाल मेला लगता है. श्रद्धालु इस दिन यहां रात्रि-विश्राम करके पूजा-अर्चना करते हैं. रामचौरा आने वाले श्रद्धालु आज भी अपनी मन्नत को पूर्ण करने के लिए राम शयन चबूतरा की परिक्रमा करते हैं. यहां शीशम के पांच पेड़ आज भी विद्यमान हैं, जो आपस में जुड़े हैं.

Undefined
श्रृंगवेरपुर धाम: जहां राम-सीता ने किया था रात्रि विश्राम, श्रद्धालु करते हैं पवित्र स्थल की परिक्रमा 10

पेड़ के संबंध में पुजारी का कहना है कि वो नहीं बता सकते पेड़ कब से मौजूद है. इतना जरूर कह सकते हैं कि शीशम के इस वृक्ष का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. पांच पेड़ एक साथ जुड़े होने का यह प्रमाण बताता है यहां प्रभु राम ने माता जानकी, लक्ष्मण सुमंत और निषादराज ने साथ संवाद किया था.

(रिपोर्ट:- एसके इलाहाबादी, प्रयागराज)

Also Read: Magh Mela 2022: प्रयागराज में गंगा किनारे कल्पवास करना है तो इन चीजों को जरूर लाएं, बनेगा हेल्थ रजिस्टर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें