कानपुर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश से शहर के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं. आबादी बाहुल्य क्षेत्र में रहने वालों का हाल बुरा हो गया है. खाली प्लॉट व सड़कें प्री मानसून की बरसात से लबालब भरी हुई हैं. सीजन की पहली बारिश ने ही नगर निगम की तैयारी की पोल खोलकर रख दी है. कानपुर निकाय क्षेत्रों में बरसात आने के पहले से नगर निगम का जहां नाला सफाई अभियान चल रहा है. वहीं नालों की सिल्ट के उठाने का कार्य पूरा नहीं हो सका.
भारी वर्षा हो जाने से पनकी क्षेत्र के आवासीय क्षेत्र के मकानों व खाली प्लॉटों में पानी भर गया है. जिसके कारण तालाब जैसा नजारा साफ नजर आ रहा है. साथ ही सड़कों के दोनों तरफ नालियां न साफ हो पाने के कारण सड़कों पर भी पानी लबालब भरा हुआ है. जहां लोगों का निकलना खतरे से कम नहीं है.
जलमग्न वाले इलाकों में रहने वाले क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जल निकासी सही न होने के कारण मुसीबतें कम नहीं हो रही है. अगल बगल खाली प्लॉटों में पानी भर गई है. लोगों की मजबूरी है कि शिकायत होने के बावजूद भी नगर निगम आंखें मूंदे बैठा है. खाली पड़े प्लॉटों में जमा कूड़ा कचरा व जलभराव से महामारी का फैलना निश्चित होता है.
मूसलाधार बारिश से बिधनू में राम गंगा नहर का माइनर फटने से 12 गांवों के खेतों में पानी भर गया. करीब डेढ़ सौ बीघा में लगी फसल बर्बाद होने की आशंका है. इधर मेहरबान सिंह का पुरवा, बिहारीपुरवा में बारिश से हाल बेहाल हो गया. वहीं बारिश ने नाला-नालियों की सफाई की पोल खोल दी. वार्ड-70 कर्रही के घरों में सीवर का पानी भर गया. बर्रा विश्व बैंक कर्रही के जे सेक्टर, बी सेक्टर में जलभराव रहा. ऐसा ही हाल गुंजन विहार का रहा. वार्ड-70 के पार्षद संतोष साहू का आरोप है कि उन्होंने दस दिन पहले नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता और नगर स्वास्थ्य अधिकारी को नाला-नाली सफाई को शिकायत पत्र दिया था. कहा, अगर दो दिन में नाला-नालियों की सफाई न हुई तो वह नगर आयुक्त का घेराव करेंगे.
बर्रा के जरौली फेज वन इलाके में बना मंदिर पानी में डूब गया है. मंदिर की मिट्टी धंस गई है. वहीं गोविंदनगर क्षेत्र के नंदलाल चौराहा, चावला चौराहे पर जलभराव होने से दुकानों में पानी घुस गया. जूही में बारिश के चलते पेड़ बिजली के तारों पर गिर गया. दादानगर में कई फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया.
रिपोर्टः आयुष तिवारी, कानपुर