झारखंड: प्रसूता की मौत पर परिजनों का अस्पताल में हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया गंभीर आरोप
बताया जाता है कि प्रसूता लीलावती देवी को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. गुरुवार की रात करीब 8 बजे प्रसूता ने लड़की को जन्म दिया. इसके बाद अचानक शुक्रवार की दोपहर 1 बजे के करीब प्रसूता को चिकित्सकों के द्वारा धनबाद रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि मौत के बाद रेफर किया गया.
गिरिडीह, मृणाल: चैताडीह स्थित मातृत्व शिशु इकाई केंद्र में इलाज में लापरवाही बरतने के कारण प्रसूता की मौत हो गयी है. प्रसूता की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया है. मृतका की पहचान लीलावती देवी (पति राहुल कोल) सदर प्रखंड के पालमो के दुद्धीटांड़ निवासी के रूप में की गयी है. परिजनों का आरोप है कि प्रसूता की मौत हो जाने के बाद डॉक्टरों ने उसे रेफर किया है. डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती है. इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली.
रेफर करने से पहले प्रसूता की मौत का आरोप
इस घटना के संबंध में बताया जाता है कि प्रसूता लीलावती देवी को गुरुवार की शाम को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. गुरुवार की रात करीब 8 बजे प्रसूता ने लड़की को जन्म दिया. इसके बाद अचानक आज शुक्रवार की दोपहर 1 बजे के करीब प्रसूता को चिकित्सकों के द्वारा धनबाद रेफर कर दिया गया. जब परिजनों ने चिकित्सकों से पूछताछ कि उनके मरीज को क्या हुआ है तो चिकित्सकों ने कहा कि मरीज की तबीयत बिगड़ गयी है. इसलिए रेफर किया जा रहा है. हालांकि जब परिजन मरीज को देखने गए तब तक उसकी मौत हो गयी थी.
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प्रसूता की मौत हो जाने के बाद किया रेफर
मृतक के परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत हो जाने के बाद उसे रेफर किया गया और इलाज में चिकित्सकों के द्वारा लापरवाही बरती गयी है. इसी के बाद मृतका के परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे. इधर, हंगामा की सूचना मिलने के बाद पचंबा थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझने में जुट गए.
अवैध वसूली की जांच करने अस्पताल पहुंचे थे विधायक
आपको बता दें कि शुक्रवार ही सुबह गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन करने के एवज में स्वास्थ्यकर्मियों और सहिया के द्वारा मोटी रकम की अवैध वसूली करने के मामले में जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उनके द्वारा कई मरीजों से लिए गए रुपये वापस करवाए गए. हालांकि विधायक के अस्पताल से लौटने के कुछ ही घंटे के बाद एक बार फिर से चिकित्सकों की लापरवाही के कारण प्रसूता की अस्पताल में मौत हो गयी.
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