धनबाद : 16 घंटे तक गर्भवती को नहीं मिला बेड, गर्भ में छह माह के मासूम ने तोड़ा दम

पेट में दर्द से परेशान एक गर्भवती महिला को समय पर एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में बेड नहीं मिला. इस वजह से उसके गर्भ में ही मासूम ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने एसएनएमएमसीएच में हंगामा किया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 12, 2023 9:34 AM
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Dhanbad News: धनबाद जिले में पेट में दर्द से परेशान एक गर्भवती महिला को समय पर एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में बेड नहीं मिला. इस वजह से उसके गर्भ में ही मासूम ने दम तोड़ दिया. महिला की हालत और खराब हो गयी. इस पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. हालांकि प्रबंधन व परिजनों के बीच समझौता के बाद मामला सुलझा लिया गया.

जानकारी के अनुसार बरवाअड्डा के मधुपुर पंचायत स्थित मरिचो गांव की मीना देवी के पति राजेश कोल बुधवार को दिन के करीब 11 बजे प्रसव पूर्व पीड़ा होने पर वह अपनी पत्नी को लेकर एसएसएनएमसीएच के गायनी विभाग लेकर पहुंचे. वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने बेड खाली नहीं होने की बात उनको बताई. उनकी पत्नी छह माह की गर्भवती थी. बुधवार दिन से देर रात तक वह बेड के इंतजार में अस्पताल में पड़े रहे. पर कोई व्यवस्था नहीं हुई.

इसी गुरुवार की सुबह पीड़ा काफी बढ़ गयी. समय पर व्यवस्था और उचित इलाज नहीं होने के कारण गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो गई. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. राजेश कोक ने बताया कि गर्भ में ही मासूम की मौत के बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी को फोन कर इसकी जानकारी दी. उक्त अधिकारी की पहल पर स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल पहुंचे और समझौता कराया. इसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर घर चले गये.

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एक सप्ताह से गायनी विभाग के सभी बेड फुल, करना पड़ता है इंतजार

बता दें कि एक सप्ताह से गायनी विभाग के सभी बेड फुल हैं. ऐसे में मरीजों को बेड के खाली होने का इंतजार करना पड़ रहा है. समस्या से बचने के लिए गायनी विभाग के बरामदे में कुछ बेड लगाये गये हैं. पिछले एक सप्ताह से बरामदे में लगाये गये बेड भी भरे हुए हैं. ऐसे में छह-सात माह की गर्भवती को बेड की उपलब्धता पर ही भर्ती लिया जा रहा है.

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महिला के पेट में 24 सप्ताह का गर्भ था. दर्द की शिकायत के बाद परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे. परिजनों द्वारा बार-बार ऑपरेशन करने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन ऐसा संभव नहीं था. इसके बारे में परिजनों को बताया गया. संभवत उसके पेट में पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी.

-डॉ अरुण कुमार बरनवाल
अधीक्षक, एसएसएनएमसीएच

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