झारखंड : भीषण गर्मी में 10 किमी पैदल चल मच्छरदानी लेने पहुंचीं गर्भवती महिलाएं, व्यवस्था पर उठे सवाल
डुमरिया सीएचसी में 174 गर्भवती महिलाओं के बीच मच्छरदानी का वितरण हुआ. सिर्फ एक मच्छरदानी के लिए 150 से अधिक गर्भवती महिलाओं को चिलचिलाती धूप में बुला लिया गया. सीएचसी में न बैठने की व्यवस्था थी, न पेयजल की सुविधा. मच्छरदानी लेने के लिए 10 से 15 किमी दूर से डुमरिया सीएचसी पहुंची थीं.
पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया सीएचसी में टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से गर्भवती महिलाओं और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के बीच मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का वितरण किया गया. मौके पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डाॅ जुझार माझी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मौके पर जिला मलेरिया पदाधिकारी भोगान हेम्ब्रम, मलेरिया निरीक्षक श्रवण कुमार भी उपस्थित थे. इस मौके पर 174 मच्छरदानी का वितरण किया गया.
श्रेय लेने की होड़
सीएचसी में मंगलवार को गर्भवती महिलाओं के बीच मच्छरदानी का वितरण किया गया. सीएचसी में न तो बैठने की व्यवस्था थी न पेयजल का इंतजाम. महिलाएं धूप से बचने के लिए छांव के लिए भटकती दिखीं. सिर्फ एक मच्छरदानी के लिए 150 से अधिक गर्भवती महिलाओं को चिलचिलाती धूप में बुला लिया गया. मच्छरदानी लेने के लिए 10 से 15 किमी दूर से डुमरिया सीएचसी पहुंची थीं. विभाग इसे सहियाओं के सहयोग से भी गांव-गांव में आसानी से बांट सकता था.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने कहा कि मच्छरदानी गर्भवती महिलाओं और 0 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराया गया है. यह सच है कि गर्मी बहुत ज्यादा है. गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में बुलाना उचित नहीं है. हमने आस पास की गर्भवती महिलाओं को बुलाने के लिए कहा था.
चिकित्सा प्रभारी ने क्या कहा
वहीं डुमरिया चिकित्सा प्रभारी डॉ डीसी मुर्मू ने कहा कि हमें जिला से जैसा आदेश मिलता है, उसी का पालन करते हैं. गर्भवती महिलाओं को मलेरिया से बचाना जरूरी है. यह सही है कि धूप में गर्भवती महिलाओं को नहीं बुलाकर सहिया या परिजन को बुलाकर वितरण किया जा सकता था. परिसर में पेयजल की समस्या है.