Asian Games: तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीतने बाद परनीत कौर का बड़ा बयान, बताया जीत का राज
एशियाई खेलों में तीरंदाजी में देश को स्वर्ण पदक दिलाने महिला तीरंदाजों ने जीत के बाद, अपनी जीत का मूल मंत्र सभी के साथ साझा किया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार से उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी के खेल पर ध्यान केंद्रित ना करके खुद के गेम पर फोकस किया.
हांगझोउ में खेले जा रहे एशियाई खेलों में भारत लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहा है. भारत के तरफ से गए सभी खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन करके देश को पदक दिला रहे हैं. भारत इस साल कई सारे खेलों में पदक को अपने नाम किया है. एशियाई खेलों में खेले गए कंपाउंड तीरंदाजी में भारत की महिला और पुरुष दोनों वर्गों ने शानदार प्रदर्शन किया है. महिला टीम के तरफ से सबसे पहले, ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति गोपीचंद स्वामी, परनीत कौर – 2023 विश्व चैंपियन – ने चीनी ताइपे के खिलाफ कंपाउंड महिला टीम फाइनल में 240 में से 230 का उच्च दबाव वाला स्कोर बनाया. भारतीय टीम के प्रतिद्वंद्वियों ने भारत को कांटे का टक्कर दिया और 229 अंक अर्जित किए.
भारतीय पुरुष टीम नें किया शानदार प्रदर्शन
भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम ने खेलों में बहुत ही बेहतर प्रदर्शन किया. अभिषेक वर्मा, प्रथमेश समाधान जावकर और ओजस प्रवीण देवतले ने फाइनल मुकाबले में अपनी चीर प्रतिद्वंदी टीम दक्षिण कोरिया को हराया और स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया. भारतीय टीम ने ये मुकबला पांच अंक से जीत लिया. भारतीय टीम ने तीरंदाजी में सभी पदक अपने नाम किया है और शुरुआती समय से ही बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया है.
हमने प्रतिद्वंद्वियों के शॉट्स पर ध्यान केंद्रित नहीं किया: परनीत कौर
परनीत कौर ने बतलाया, तीरंदाजी के दौरान वहां खेल की गर्मी महसूस हो रही थी. हम दोनो खिलाड़ी वहां पर एक दूसरे की मदद कर रहे थें और एक दूसरे का हौसला जाहीर कर रहे थें.हमने एक दूसरे को प्रेरित करते हुए खेल को समाप्त किया. हमारे इटालियन कोच सर्जियो पाग्नि ने हमारी काफी मदद की. उन्होंने कहा, हमने प्रतिस्पर्धियों के शॉट्स पर ध्यान केंद्रित नहीं किया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. ज्योति ने बताया कि वहां बीच-बीच में हवा चल रही थी और हमें खुद को शांत करना था और सबसे खराब परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित करना था, भले ही प्रतिद्वंद्वी क्या कर रहे हों.
कोच ने बढ़ाया हौसला
ओजस ने बतलाया की, “हमारे कोच हमसे कहते हैं कि आप जिस टीम से लड़ रहे हैं उस पर ध्यान केंद्रित न करें, बल्कि खुद पर ध्यान दें, अपनी लय का पालन करें और परिणाम हमारे हाथ में होंगे.” उन्होंने आगे कहा कि अभिषेक लगातार उन्हें पीछे से मार्गदर्शन दे रहे थे और उन्होंने यह भी कहा कि वे उसके बिना ऐसा नहीं कर सकते थे.