Jharkhand News: भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है. अब पूरी दुनिया में मोटे अनाज (सुपर फूड) से जोड़कर कई आयोजन किये जा रहे हैं. सरायकेला-खरसावां जिले में भी इसकी तैयारी चल रही है. जिले के नौ प्रखंड में करीब 990 हेक्टेयर जमीन पर मोटे अनाज की खेती करायी जायेगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसमें 150 हेक्टेयर में ज्वार, 40 हेक्टेयर में बाजरा और 800 हेक्टेयर में मड़ुआ की खेती होगी.
मोटे अनाज के उत्पादन में कृषि विभाग दे रहा जोर
अनाज के उत्पादन के दायरे को बढ़ाने पर कृषि विभाग जोर दे रहा है. एक तरफ राज्य सरकार किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं लोगों की थाली तक इसे पहुंचाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा , मड़ुआ, रागी है, जिसमें पौष्टिकता भरपूर है. इसके नियमित इस्तेमाल करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसकी खेती में अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है. यह कम पानी में भी अच्छा उत्पादन दे सकता है. देश के पश्चिमी भाग स्थित राज्यों में इनकी मांग ज्यादा है.
34,600 हेक्टेयर में दलहन, 1390 हेक्टेयर में तेलहन की खेती का लक्ष्य
सरायकेला-खरसावां जिले में 34,600 हेक्टेयर भूमि पर दलहन और 1390 हेक्टेयर पर तेलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया है. दलहन में मुख्य रूप से अरहर, उरद, मूंग, कुर्थी और तेलहन में मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अंडी आदि शामिल है. साथ ही 6900 हेक्टेयर जमीन पर मक्के की खेती का लक्ष्य है.
ये है लक्ष्य
ज्वार : 150 हेक्टेयर
बाजरा : 40 हेक्टेयर
मड़ुआ : 800 हेक्टेयर
हाइब्रिड मक्का : 1200 हेक्टेयर
उपजशील मक्का : 3900 हेक्टेयर
उन्नत मक्का : 1800 हेक्टेयर
अरहर : 1200 हेक्टेयर
उरद : 1200 हेक्टेयर
मूंग : 6500 हेक्टेयर
कुर्थी : 2000 हेक्टेयर
अन्य दलहन : 2100 हेक्टेयर
मूंगफली : 500 हेक्टेयर
तिल : 100 हेक्टेयर
सोयाबीन : 250 हेक्टेयर
सूर्यमुखी : 100 हेक्टेयर
सरगुजा : 400 हेक्टेयर
अंडी : 40 हेक्टेयर
जिले में एक लाख हेक्टेयर में होगी धान की खेती
वहीं, सरायकेला-खरसावां जिले में इस वर्ष में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होगी. कृषि विभाग ने प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिला कृषि विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है, ताकि लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके. अमूमन, किसान खेतों में रोहिणी नक्षत्र से खेतों में धान बीज डालने का काम शुरू कर देते हैं. लेकिन इस वर्ष मॉनसून के आने में देरी के कारण कृषि कार्य ठीक ढंग से शुरू नहीं हो सका है. 15 जून के बाद से कृषि कार्य में तेजी आयेगी.
खरीफ का उत्पादन लक्ष्य
हाइब्रिड धान : 27000 हेक्टेयर
अधिक उपजशील धान : 46000 हेक्टेयर
उन्नत धान : 27000 हेक्टेयर
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