बाबरी ढांचा विध्वंस: देश विरोधी साहित्य छापने के आरोपी वलीउल्ला की पेशी की है तैयारी, लिखा गया पत्र
पत्र के माध्यम से डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरी ने एसएससी को सूचित किया कि बाबरी विध्वंस के बाद बदला लेने की नीयत से थाना फूलपुर निवासी वाली उल्ला ने देश विरोधी साहित्य छाप कर लोगों में वितरित करने के साथ ही देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया था.
Prayagraj News: बाबरी विध्वंस के बदला लेने की नियत से राष्ट्र विरोधी साहित्य छापकर देश में अशांति और अराजकता का माहौल व भय उत्पन्न करने की नियत से किए गए कार्य के आरोपी वलीउल्ला को पेश करने के लिए डीजीसी गुलाब चंद्र ग्रहण ने एसएसपी प्रयागराज को पत्र लिखा है.
जानें क्या है मामला?
पत्र के माध्यम से डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरी ने एसएससी को सूचित किया कि बाबरी विध्वंस के बाद बदला लेने की नीयत से थाना फूलपुर निवासी वाली उल्ला ने देश विरोधी साहित्य छाप कर लोगों में वितरित करने के साथ ही देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया था. इस मामले में वाली उल्ला का आतंकी संगठनों से संबंध सामने आया था. यह प्रकरण 18 अप्रैल 2001 को फूलपुर थाने में तत्कालीन दरोगा नागेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दर्ज किया गया. इस मामले में वलीउल्ला समेत पांच को आरोपी बयाना गया है. मुकदमे के ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 23 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से 3 गवाह पेश हुए हैं. कोर्ट ने सफाई साक्षी के लिए आरोपी वलीउल्लाह को हर हाल में गाजियाबाद जेल से कोर्ट के समक्ष अगली तारीख 26 अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया है. डीजीसी गुलाब चंद्र गिरी ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में कई बार गाजियाबाद जेल अधीक्षक को पत्र लिखा गया लेकिन आरोपी को कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया गया. वही अब डिजीसी ने एसएसपी प्रयागराज से आरोपी वलीउल्ला को 26 अप्रैल को कोर्ट में पेश करने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि मामला 21 साल पुराना है और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट जज निशा अग्रवाल की कोर्ट में चल रही है.