Gorakhpur: कोविड के संभावित खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. गोरखपुर में 57 कोविड अस्पतालों को फिर से सतर्क कर दिया गया है. फिलहाल गोरखपुर जिले में अभी कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है.
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. गोरखपुर में 57 कोविड अस्पतालों को फिर से सतर्क कर दिया गया है. फिलहाल गोरखपुर जिले में अभी कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग में जिन संतान को अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है वहां पर 2900 बेड की व्यवस्था है. जहां पर आईसीयू और एनआईसीयू की व्यवस्था है.
कोरोना के जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी
मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दुबे ने निर्देशित किया है कि वेंटिलेटर, बाइपैप, ऑक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता जांच लें. जिससे जरूरत पड़ने पर बाद में दिक्कत सामने ना आए. हालांकि अभी गोरखपुर में जांच की संख्या 150 से 200 ही है. गोरखपुर में कोरोना की जांच कम होने के सवाल पर सीएमओ आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि संक्रमण बढ़ने पर जांच संख्या बढ़ाई जाएगी. हमारी पूरी टीम अलर्ट मोड पर है कोरोना के फैलने से पहले उस पर रोकथाम कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है शासन का निर्देश मिलते ही उसे क्रियाशील कर दिया जाएगा.
पूर्वी यूपी में इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज सबसे बड़ा केंद्र
सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि गोरखपुर जिले में कोविड जांच के लिए 57 लैब हैं. विश्व में सरकारी अस्पतालों में 45 और प्राइवेट अस्पतालों में 12 लैब अधिकृत है. वहीं जिले में 57 कोविड अस्पतालों में से 11 सरकारी और 46 प्राइवेट सेक्टर की है. सरकारी अस्पतालों में 1500 और प्राइवेट अस्पतालों में 1400 बेड हैं. गोरखपुर जिले में 342 वेंटीलेटर, 262 हाई –फ्लो नेजल कैनुला और 457 बाईपैप भी है. सभी की क्रियाशीलता जांचने के लिए निर्देश दिया गया है. बच्चों के उपचार के लिए 88 पीआईसीयू बेड आरक्षित है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित के इलाज के लिए सबसे बड़ा केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर है. उन्होंने बताया कि जिले में रैपिड रिस्पांस के लिए 42 टीमें बनी है. जिनमें 23 शहरों और 19 ग्रामीण क्षेत्रों में है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर