राष्ट्र गौरव के लिए मर मिटने की भावना रही है बंगाल की पहचान: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा बंगाल के लोग सुसंस्कृत और प्रगतिशील हैं. बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है और दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को. राष्ट्रपति ने कहा कि आत्म सम्मान तथा राष्ट्र गौरव के लिए मर मिटने की भावना, बंगाल की पहचान रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर कोलकाता पहुंचीं. राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद उनका यह पहला बंगाल दौरा है. सोमवार शाम को नेताजी इंडोर स्टेडियम में राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रपति को सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिनंदन किया.
सुश्री बनर्जी ने राष्ट्रपति को देवी दुर्गा की एक मूर्ति भेंट की और कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों के साथ ढोल बजाया तथा नृत्य किया. गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और लोगों को धन्यवाद देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बलिदान, शहादत, संस्कृति और शिक्षा राज्य के जीवन आदर्श रहे हैं. उन्होंने कहा : बंगाल के लोग सुसंस्कृत और प्रगतिशील हैं.
बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है और दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को. राष्ट्रपति ने कहा कि आत्म सम्मान तथा राष्ट्र गौरव के लिए मर मिटने की भावना, बंगाल की पहचान रही है. केवल 18 वर्ष की अल्पायु में, भारत माता के लिए फांसी चढ़ जाने वाले, खुदीराम बोस से जुड़ा यह गीत बंगाल का बच्चा-बच्चा आज भी गाता है
उन्होंने कहा कि खुदीराम बोस सहित, बिनय-बादल-दिनेश, रासबिहारी बोस और श्री अरोबिंदो, जैसे अनेक शूरवीरों तथा मातंगिनी हाज़रा एवं कल्पना दत्ता जैसी अनेक वीरांगनाओं की जन्म-दात्री बंग-भूमि को वह सदा नमन करती हैं. राष्ट्रपति ने कहा: राजनीति से न्याय प्रणाली तक, विज्ञान से दर्शन तक, आध्यात्मिकता से खेल तक, संस्कृति से व्यवसाय तक, पत्रकारिता से साहित्य तक, सिनेमा, संगीत, नाटक, चित्रकला और अन्य कलाओं तक, बंगाल के उल्लेखनीय अग्रदूतों ने कई क्षेत्रों में नये मार्ग और तरीके खोजे हैं. मुर्मू ने कहा कि बंगाल के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान के आदर्शों को प्राथमिकता दी है.
उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कोलकाता में एक सड़क का नाम उन संथाल नेताओं की याद में ‘सिदो-कान्हू-डहर’ रखा गया है, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता और भ्रष्ट जमींदारी व्यवस्था को हटाने के लिए विद्रोह का नेतृत्व किया था. राष्ट्रपति ने कहा : इस तरह की पहल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को बल देती है, खासकर हमारे आदिवासी भाई-बहनों के आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव को. स्वागत समारोह में विपक्षी दल भाजपा का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेताओं को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. हालांकि अन्य व्यस्तताओं के कारण मजूमदार और घोष कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें इसमें आमंत्रित नहीं किया गया था.
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इससे पहले राष्ट्रपति नेताजी भवन और जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी गयीं. मंगलवार को वह बेलूड़ मठ का दौरा करेंगी. कोलकाता के साइंस सिटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद राष्ट्रपति शांतिनिकेतन जायेंगी, जहां वह विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगी. शांतिनिकेतन से राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर से कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचेंगी और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो जायेंगी.