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Jharkhand: कोडरमा की 2 और रांची की एक महिला को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, इन क्षेत्रों में किया है बेहतर काम

देशभर में कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इसी दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को झारखंड की तीन महिलाओं को जलापूर्ति पाइपलाइनों के नेटवर्क को बनाए रखने, उनके गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने और पानी के संरक्षण के प्रयासों के लिए सम्मानित किया है.

By Aditya kumar | March 9, 2023 10:24 AM

President Droupadi Murmu honours three from Jharkhand : देशभर में कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इसी दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को झारखंड की तीन महिलाओं को जलापूर्ति पाइपलाइनों के नेटवर्क को बनाए रखने, उनके गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने और पानी के संरक्षण के प्रयासों के लिए सम्मानित किया है.

कांके प्रखण्ड की पिठोरिया पंचायत की मुखिया मुन्नी देवी का नाम शामिल

राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने वाली तीन महिलाओं में से दो महिला कोडरमा जिले से है वहीं, एक महिला रांची की है. बता दें कि इसमें कोडरमा के मरकछो प्रखंड के अरकोसा गांव की पूजा देवी और कझीटांड़ की पार्वती देवी और रांची के कांके प्रखण्ड की पिठोरिया पंचायत की मुखिया मुन्नी देवी का नाम शामिल है. जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान और 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को चिह्नित करने के लिए विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें सम्मानित किया गया.

गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने के प्रयासों के लिए सम्मानित किया

जहां पूजा देवी को उनके गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने के प्रयासों के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ श्रेणी में सम्मानित किया गया, वहीं पार्वती देवी को उनके जल संरक्षण अभियानों के लिए ‘कैच द रेन’ श्रेणी में सम्मानित किया गया. इसके अलावा, मुन्नी देवी को उनके गांव में पाइपलाइनों के संचालन और रखरखाव के लिए ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान’ श्रेणी में सम्मानित किया गया. अपने काम के बारे में बताते हुए, पूजा ने कहा, “लोगों को प्लास्टिक को ना कहने के लिए राजी करना आसान नहीं था और मुझे ग्रामीणों को अपनी दिनचर्या से पूरी तरह से प्लास्टिक से दूर रहने के लिए मनाने में छह साल लग गए.”

पानी के संरक्षण के लिए छोटे चेक डैम बनाए गए

इस बीच, जल संरक्षण के प्रयासों के लिए सम्मानित पार्वती देवी ने कहा कि पानी के संरक्षण के लिए उनके सह-ग्रामीणों की मदद से छोटे चेक डैम बनाए गए हैं. आगे उन्होंने कहा कि अभियान के बाद, बारिश का पानी हमारे खेतों में जमा हो जाता है और पानी की बर्बादी नहीं होती है. मेरे गांव के लोग अब इतने चिंतित और जागरूक हैं कि उन्होंने बाहर निकलने वाले पानी को इकट्ठा करने के लिए हैंडपंपों और कुओं के पास गड्ढे बना दिए हैं ताकि बर्बादी न हो.

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