President in Kanpur: राष्ट्रपति कोविंद ने चौधरी हरमोहन सिंह को किया याद, कहा- उनका जीवन जनसेवा का उत्तम उदाहरण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को कानपुर में चौधरी हरमोहन सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह का जीवन सादगी और जन-सेवा का उत्तम उदाहरण है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 24, 2021 4:40 PM
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President Ram Nath Kovind Kanpur visit: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को विशेष विमान से कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतरे. उनके साथ पत्नी सविता कोविन्द भी मौजूद रहीं. एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की और पुष्प भेंट किया. कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, नीलिमा कटियार और महापौर प्रमिला पाण्डेय समेत 16 लोगों ने भी शिष्टाचार भेट की.

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दस मिनट की मुलाकात के बाद राष्ट्रपति का काफिला मेहरबान सिंह पुरवा में आयोजित कार्यक्रम के लिए रवाना हो गया. इसके बाद मुख्यमंत्री भी हेलीकॉप्टर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

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स्व. चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हरमोहन सिंह का जीवन सादगी और जन-सेवा का उत्तम उदाहरण है. वर्ष 1984 में, उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया. अपनी जान जोखिम में डालकर भी उन्होंने उन्मादी भीड़ का डटकर मुकाबला किया और बड़ी संख्या में लोगों की प्राण-रक्षा की.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हरमोहन सिंह जब भी ट्रेन में चलते थे तो सभी को अपना हमसफ़र मानते थे. यह हमसफर की भावना अगर समाज में भी चरितार्थ हो जाए और लोग पास-पड़ोस में भी जाति, संप्रदाय, अमीर गरीब को अपना लें तो हम जहां रहते हैं वहीं स्वर्ग होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की नींव, अतीत के अनुभव और पूर्वजों की विरासत से मजबूती प्राप्त करती है. एक सुदृढ़, यशस्वी, विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण में हम सब की सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए.

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और इसमें कानपुर के मानचित्र पर आईआईटी, एनएसआई, तीन विश्वविद्यालय और बहुत सारे शिक्षण संस्थान हैं. इसके चलते कानपुर की जिम्मेदारी भी देश में और क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही है. वहीं, कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति शाम पांच बजे से सर्किट हाउस में लोगों से मिलेंगे, जिनमें चिकित्सक, समाजसेवी, उद्यमी और उनके पुराने मित्र शामिल हैं.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, चौधरी हरमोहन सिंह के न रहने पर भी लोग उनका स्मरण कर रहे हैं और खुद राष्ट्रपति उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं. उन्होंने दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन जिया और ग्रामीण विकास व किसानों की उन्नति के अलावा शिक्षण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किये.

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राज्यपाल ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह बढ़ती उम्र में भी समाज की सेवा करते रहे. शिक्षा से विकास के रास्ते खुलते हैं और वह युवा पीढ़ी के लिए अनुस्मरणीय है. उन्होंने वर्ष 1984 में दंगाइयों से मोर्चा लिया था. उन्हें वर्ष 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.

(रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर)

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