Kanpur: 3 जून को अपने पैतृक गांव जाएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम को देसी बुकनू और सत्तू करेंगे भेंट
Kanpur News: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 3 जून को अपने पैतृक गांव कानपुर देहात के डेरापुर स्थित परौख गांव आ रहे है. राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. बता दें कि 3 जून को राष्ट्रपति परौख आगमन पर प्रधानमंत्री को बुकनू, सत्तू और बेसन का तोहफा देगें.
Kanpur News: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 3 जून को अपने पैतृक गांव कानपुर देहात के डेरापुर स्थित परौख गांव आ रहे है. राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. बता दें कि 3 जून को राष्ट्रपति परौख आगमन पर प्रधानमंत्री को बुकनू, सत्तू और बेसन का तोहफा देगें. महिला समूहों द्वारा बनाए गए इन उत्पादों को देहाती ब्रांड से लांच करने की तैयारी. इसके लिए आकर्षक लोगो भी डिजाइन किया गया है. इन उत्पादों का कॉम्बो पैक मंच पर मौजूद हर मेहमानों को तोहफे के रूप में दिया जाएगा.
नयागंज से हुआ था बुकनू का निर्माण
बता दें कि कनपुरिया बुकनू से देश-दुनिया को हाजमे और स्वाद का नुस्खा मिला है. लगभग 3 दर्जन मसालों के मिश्रण से तैयार होने वाला यह बुकनू एक प्राचीन धरोहर जैसा है. बुकनू के निर्माण की शुरुआत कानपुर के नयागंज बाजार से मानी जाती है.
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राष्ट्रपति के आगमन पर तैयारियां तेज
कानपुर देहात के डेरापुर तहसील के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे.
देहाती उत्पाद की होगी ब्रांडिंग
बताते चले कि राष्ट्रपति का पैतृक गांव भ्रमण का कार्यक्रम है साथ ही कानपुर देहात की महिला स्वयं सहायता समूहों को भी एक बड़ा मंच देने की तैयारी है. इसमें मलासा ब्लॉक की महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए देसी उत्पादों की ब्रांडिंग की जाएगी.देहाती के नाम से इसकी लॉन्चिंग का मकसद महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. कानपुर देहात का देहाती उत्पाद अब बाजार में ब्रांडेड कंपनियों को टक्कर देगा.
आत्मनिर्भर बनना चाहती है महिलाए
कानपुर देहात के मलासा ब्लॉक के जाफराबाद गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की ओर अपने कदम बढ़ा चुकी हैं. अभी तक यहाँ की महिलाओं का समूह अगरबत्ती व मोमबत्ती बनाता था लेकिन जैसे जैसे समूह में महिलाओ की संख्या बढ़ी तो उतपाद भी बढ़ाने शुरू कर दिए. अब यह कि महिलाओं ने एक जय माता जी समूह बनाया है इसके दर्जन भर गांव की महिलाओं ने सहयोग किया और समूह ने नए उत्पाद बनाए.महिलाओं का समूह अगरबत्ती, मोमबत्ती के साथ ही साथ अब बुकनू ,बेसन और सत्तू का भी निर्माण कर रहा है. माल मंगवाने से लेकर बनाने व पैकिंग बिक्री सब वह लोग खुद संभालती है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी