पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन! दिलीप घोष ने बताया, क्या चाहती है भाजपा

President's Rule, West Bengal, Dilip Ghosh, Bharatiya Janata Party: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कई बार की जा चुकी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बार-बार कह रहे हैं कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार के रहते बंगाल में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते. बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय खुद कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं. लेकिन, अमित शाह की दो दिवसीय बंगाल यात्रा के बाद भाजपा के सुर अब बदल गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2020 5:10 PM

President’s Rule, West Bengal, Bharatiya Janata Party: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कई बार की जा चुकी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बार-बार कह रहे हैं कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार के रहते बंगाल में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते. बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय खुद कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं. लेकिन, अमित शाह की दो दिवसीय बंगाल यात्रा के बाद भाजपा के सुर अब बदल गये हैं.

बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष कह रहे हैं कि उनकी पार्टी नहीं चाहती कि राज्य में अनुच्छेद 356 को लागू किया जाये. यानी भाजपा नहीं चाहती कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे. अलीपुरद्वार जिला में अपने काफिले पर पथराव के एक दिन बाद पत्रकारों से बातचीत में दिलीप घोष ने ये बातें कहीं.

इसके साथ ही श्री घोष ने कहा कि पार्टी को पूरा भरोसा है कि वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों में वह तृणमूल कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर देगी. लेकिन अगर ‘हिंसा और हत्याओं’ में वृद्धि होती है, तो भविष्य की स्थिति के बारे में नहीं कहा जा सकता. सांसद घोष एक टीवी चैनल से बातचीत कर रहे थे और साक्षात्कार का फुटेज उनके आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा किया गया है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करेगी, श्री घोष ने कहा, ‘हमारा मानना ​​है कि लोकतंत्र में सत्ता में कोई भी बदलाव मतदान की प्रक्रिया से होना चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना वोट डाल सकें.’

उन्होंने दावा किया कि ‘हिंसा और हत्या में वृद्धि के साथ जिस तरह की स्थिति बन रही है’, उस वजह से आम लोगों और यहां तक ​​कि कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है. घोष ने कहा, ‘भाजपा कार्यकर्ता के रूप में मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी का विश्वास संविधान में है. हम किसी निर्वाचित सरकार को गिराने में विश्वास नहीं करते हैं. हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर जोर दिया है और कहा है कि हम इस सरकार को चुनाव में हरायेंगे.’

उन्होंने कहा कि स्थिति के बारे में केंद्र को कोई रिपोर्ट सौंपने के लिए राज्यपाल हैं. श्री घोष ने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 356 नहीं चाहता. हम सैद्धांतिक रूप से इसके पक्ष में नहीं हैं. लेकिन, चीजें जिस तरह से आगे बढ़ रही हैं, मैं यह नहीं कह सकता कि भविष्य में ऐसी स्थिति बनेगी या नहीं.’

दिलीप घोष पर दर्ज हुए 40 झूठे मुकदमे

दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर अपने विरोधियों के खिलाफ लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. कहा कि सिर्फ उनके (दिलीप घोष के) ही खिलाफ 40 झूठे मामले दर्ज किये गये. श्री घोष ने साक्षात्कार के दौरान राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमलों के बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया. हालांकि, उन्होंने और पार्टी के अन्य नेताओं ने बार-बार दावा किया है कि उनके 120 से अधिक कार्यकर्ता राजनीतिक हिंसा में मारे गये हैं.

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उन्होंने कहा, ‘हम आम आदमी के बीच के डर को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.’ एक दिन पहले अपने काफिले पर हुए हमले का जिक्र करते हुए श्री घोष ने कहा कि अतीत में कम से कम छह-सात बार ऐसी घटनाएं हुई हैं. लेकिन हमें (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव में 2.3 करोड़ मतदाताओं का समर्थन मिला.

Posted By : Mithilesh Jha

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