चाकुलिया का एक प्राथमिक विद्यालय जर्जर, पंचायत सचिवालय में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे
पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में एक प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है. जर्जर होने के कारण बच्चे यहां नहीं पढ़ते, बल्कि पास के पंचायत सचिवालय के सभागार में पढ़ने को मजबूर हैं. जर्जर भवन को लेकर कई बार संबंधित विभाग को सूचित किया गया, लेकिन किसी ने अब तक कोई सुध नहीं लिया.
Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूूम जिला के चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत कुचियासोली पंचायत स्थित कुचियासोली प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर घोषित किए जाने के बाद से स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे परेशान हैं. विद्यालय भवन जर्जर होने के कारण पंचायत भवन में पिछले आठ महीने से बच्चों की पढ़ाई कराने को मजबूर हैं. इसके बावजूद इस ओर किसी ने सुध नहीं ली है.
विद्यालय भवन जर्जर, पर नहीं ले रहा कोई सुध
विद्यालय के प्रधानाचार्य विधान चंद्र महतो ने बताया कि कुचियासोली प्राथमिक विद्यालय भवन में सिर्फ दो कमरे ही हैं. जहां कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. विद्यालय में वर्तमान में 47 बच्चे नामांकित हैं. विभागीय अधिकारियों ने इस विद्यालय भवन को जर्जर घोषित कर दिया. विद्यालय भवन को जर्जर घोषित किए लंबे समय बीत गया, लेकिन अब तक विद्यालय भवन निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. जिस कारण बच्चों को मजबूरी में पंचायत भवन के सभागार में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है.
बच्चों को पठन-पाठन में हो रही परेशानी
कई बार पंचायत भवन में पंचायत प्रतिनिधियों की बैठकें एवं प्रखंड कार्यालय के निर्देशानुसार कई बार विभिन्न शिविरों का आयोजन किया जाता है. उस दौरान बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो रही है. इसके बावजूद अब तक शिक्षा विभाग का की नजर इस ओर नहीं पड़ी है. इस जर्जर विद्यालय भवन में ही शिक्षक विद्यालय से संबंधित तमाम दस्तावेज किताबें एवं बच्चों की अन्य सामग्रियां रखने को मजबूर हैं. राज्य सरकार द्वारा एक तरफ शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के कई दावे एवं प्रयास किए जा रहे हैं. चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत कुचियासोली पंचायत मे शिक्षा विभाग के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं.
Also Read: Sarkari Naukri : झारखंड में 3120 टीचर्स की निकली वैकेंसी, 25 अगस्त से करें आवेदन, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्सनये भवन की स्वीकृति नहीं मिलने तक ग्रामीणों ने जर्जर भवन तोड़ने से किया इनकार
विद्यालय के प्रधानाचार्य विधान चंद्र महतो ने बताया कि विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा इस भवन को तोड़ने का निर्देश जारी कर दिया गया था. लेकिन, विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि जब तक नये विद्यालय भवन की स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक पुराने भवन को नहीं तोड़ा जाएगा. जिसके बाद से न विद्यालय भवन तोड़ा गया और ना ही नए भवन को स्वीकृति मिली है.
शिक्षा विभाग को दी जा चुकी है जानकारी : प्रणव बेरा
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी बीपीओ प्रणव बेरा ने बताया कि विद्यालय भवन जर्जर होने की जानकारी शिक्षा विभाग को भेज दी गई है. अब तक नए भवन की स्वीकृति नहीं हो सकी है. नये भवन की स्वीकृति मिलने के बाद ही जर्जर भवन को तोड़ने और नये भवन बनाने का काम हो सकेगा.
रिपोर्ट : राकेश सिंह, चाकुलिया, पूर्वी सिंहभूम.