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प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी काम आयी, पढ़ें चुनाव परिणाम पर यह खास लेख

2024 से पहले का हरेक विधानसभा चुनाव आपको लोकसभा चुनाव की ऊपरी सीढ़ी के नजदीक ले जाता है. भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और सीढ़ी सफलतापूर्वक चढ़ गये हैं.

By Ashutosh Chaturvedi | December 4, 2023 7:44 AM
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विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को सिर माथे पर बिठाया है. प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा भाजपा की नैया पार करने में कामयाब रहा. जनता जनार्दन ने एक बार फिर मोदी के नाम पर हिंदी पट्टी के राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को भारी जनादेश दिया है. प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी सभाओं में भारी भीड़ जुट रही थी और उन्होंने जनता से कहा था कि जो वादे किये जा रहे हैं, वह उनकी गारंटी देते हैं. चुनाव नतीजे दर्शाते हैं कि जनता ने उन पर भरोसा किया. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं. नतीजे किस करवट बैठेंगे, इसको लेकर सबकी धड़कनें तेज थीं. वैसे तो हर विधानसभा चुनाव हर दल के लिए एक चुनौती होता है और सभी दल पूरी ताकत लगाकर उसे जीतने की कोशिश भी करते हैं.

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस चुनाव में अपने शस्त्रागार से ऐसा कोई अस्त्र बाकी नहीं रखा था, जो न चला हो. हर विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बताया जाता है. यह जुमला पुराना हो गया है. मुझे लगता है कि सांप-सीढ़ी के खेल से इसकी तुलना उपयुक्त होगी. 2024 से पहले का हरेक विधानसभा चुनाव आपको लोकसभा चुनाव की ऊपरी सीढ़ी के नजदीक ले जाता है. भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और सीढ़ी सफलतापूर्वक चढ़ गये हैं. इसके बाद 2024 की लोकसभा की सीढ़ी थोड़ी आसान हो जायेगी. हालांकि यह भी सही है कि कई बार लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजे एकदम उलट आते देखे गये हैं, लेकिन अब बहुत समय नहीं बचा है.

इन विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव की बारी है. इस दृष्टि से मौजूदा नतीजे और महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि विधानसभा चुनावों के नतीजे पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डालेंगे. इन विधानसभा चुनावों में असफलता ने विपक्ष और खासकर कांग्रेस की राह मुश्किल कर दी है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जोड़ी कोई कमाल नहीं दिखा पायी. कांग्रेस के लिए दो सरकारों- राजस्थान और छत्तीसगढ़ का चला जाना एक बड़ा झटका है. हालांकि तेलंगाना की जीत ने उसे थोड़ी राहत दी है.

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