बिहार के इस जेल में दसवीं से लेकर एमए तक की पढ़ाई कर रहे कैदी, नयी दिशा पकड़कर बदलेंगे अपनी जिंदगी

गोपालगंज जेल कभी कुख्यात कैदियों के लिए जाना जाता था. लेकिन अब यहां जेल में बंद कुख्यात कैदी जेल परिसर में अपनी शिक्षा लेकर भविष्य संवारेंगे. बंदियों में पढ़ाई की रुचि इस कदर बढ़ी कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक एडमिशन में पहले स्थान पर चनावे स्थित गोपालगंज मंडल कारा पहुंच गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2021 12:54 PM

गोविंद कुमार, गोपालगंज जेल कभी कुख्यात कैदियों के लिए जाना जाता था. लेकिन अब यहां सब कुछ बदल गया है. यहां जेल में बंद कुख्यात कैदी अपराध की बात नहीं करते, बल्कि वे जेल परिसर में अपनी शिक्षा लेकर भविष्य संवारेंगे. बंदियों में पढ़ाई की रुचि इस कदर बढ़ी कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक एडमिशन में पहले स्थान पर चनावे स्थित गोपालगंज मंडल कारा पहुंच गया.

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. डीएम ने बताया कि चनावे जेल के 131 बंदी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) से 10वीं और 12वीं की शिक्षा ले रहे हैं, जो पूरे प्रदेश के जेलों में सर्वाधिक संख्या है. इनमें एमए से लेकर बीए और कई व्यवसायिक कोर्सेज शामिल हैं. इस पढ़ाई से जहां उन्हें नयी दिशा मिलेगी, वहीं जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें रोजगार मिल सकेगा.

डीएम ने कहा कि कैदी-बंदियों को हायर एजुकेशन में दाखिला दिलवाकर उन्हें नयी दिशा दी जा रही है. जेल में करीब 200 कैदी-बंदी पढ़ाई कर रहे हैं. इससे जहां उनका दृष्टिकोण बदलेगा वहीं उनकी साकारात्मक सोच में अंतर आयेगा. जेल में 10 से अधिक विषयों पर पढ़ाई करवाई जा रही है. इसके तहत एनआइओएस तथा इग्नू में एडमिशन हो चुके हैं.

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इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से 17 बंदी पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें सर्टिफिकेट इन गाइडेंस में चार, फूड एवं न्यूट्रीशन सर्टिफिकेट में चार, ऑरगेनिक फॉर्मिंग में दो, स्नातकोत्तर में एक, स्नातक में पांच और पर्यटन सर्टिफिकेट कोर्स में बंदियों ने एडमिशन लिया है. इग्नू की ओर से नि:शुल्क सभी कोर्स रखे गये हैं.

चनावे जेल के बंदियों को आरसेठी की तरफ से व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया गया है. प्रशिक्षण पानेवाले महिला बंदी स्वेटर बुनाई, बागवानी, अगरबत्ती निर्माण का कार्य का रहीं हैं. फिलहाल 16 व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए बंदियों का चयन किया जा रहा है.

महिला बंदियों के साथ रहनेवाले बच्चों में स्लेट, पेंसिल, मनोहर पोथी दी जा रही है. महिला कक्षपाल इन्हें पाठ्यसामग्री तथा खिलौने के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षण का कार्य करती हैं. बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जा रही है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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