रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री के एक बयान ने राज्य के प्राइवेट स्कूलों को उद्वेलित कर दिया है. हजारीबाग जिला में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बैठकें कर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के बयान की निंदा कर रहे हैं. हजारीबाग जिला के बड़कागांव एवं केरेडारी प्रखंड में प्राइवेट स्कूलों के संघ ने शिक्षा मंत्री के बयान को असंवैधानिक और बांटने वाला करार दिया. एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध किया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा था कि राज्य में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी. मंत्री के इस बयान का विरोध करते हुए निजी स्कूलों ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा की रीढ़ हैं. बड़कागांव में मोहम्मद इब्राहीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि प्राइवेट स्कूल संघ के सभी शिक्षक एवं संचालक आर्थिक मार झेल रहे हैं.
ऐसे में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का बयान का निजी विद्यालय संघ पुरजोर विरोध करता है. उनका यह बयान असंवैधानिक है. संघ ने शिक्षा मंत्री को शिक्षा की परिभाषा भी बतायी. कहा कि मंत्री को समझना होगा कि शिक्षक शिक्षक होते हैं. उन्हें निजी या सरकारी कहकर बांटा नहीं जाये. कहा कि निजी विद्यालय शिक्षा की रीढ़ हैं. इसलिए प्राइवेट स्कूल के खिलाफ मंत्री को गलतबयानी नहीं करनी चाहिए.
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निजी विद्यालय संघ ने मांग की है कि उन बीएड एवं डीएलएड की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके शिक्षकों को, चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार, 7000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा सरकार पूरा करे. साथ ही जिन निजी विद्यालयों का यू-डाइस कोड निर्गत किया गया है, उन स्कूलों को विद्यालय की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहायता सरकार प्रदान करे.
इधर, हजारीबाग के ही केरेडारी में गर्रीकला स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन केरेडारी इकाई की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता शिक्षक पीटर पॉल व संचालन राज कपूर ने की. बैठक में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा की गयी. शिक्षकों ने कहा लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट स्कूल में काम करने वाले भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं.
कहा कि राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों को कोई सहायता नहीं देती. बिना सहायता के भी प्राइवेट स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. ऐसे में सरकार को इन स्कूलों की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन शिक्षा मंत्री लोगों को अपने बयान से भड़का और डरा रहे हैं कि वे प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का दाखिला न करायें. शिक्षा मंत्री को अपना बयान वापस लेना चाहिए या सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
Posted By : Mithilesh Jha