बढ़ती उम्र पर बोलीं प्रियंका चोपड़ा- मैं झूठ नहीं बोलूंगी कि मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता…
एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) इन दिनों कोरोनावायरस की दूसरी लहर से निपटने के लिए अपने देश भारत के लिए फंड जमा करने में लगी हैं. एक्ट्रेस ने कई वीडियोज शेयर कर लोगों से मदद करने की अपील की है. इस बीच मिस वर्ल्ड प्रियंका का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपने बॉडी में हुए बदलाव को लेकर बात की है.
एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) इन दिनों कोरोनावायरस की दूसरी लहर से निपटने के लिए अपने देश भारत के लिए फंड जमा करने में लगी हैं. एक्ट्रेस ने कई वीडियोज शेयर कर लोगों से मदद करने की अपील की है. इस बीच मिस वर्ल्ड प्रियंका का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपने बॉडी में हुए बदलाव को लेकर बात की है.
‘मैं झूठ नहीं बोलूंगी…’
प्रियंका चोपड़ा ने Yahoo Life को दिए इंटरव्यू में कहा कि, ‘मैं झूठ नहीं बोलूंगी कि मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. उम्र बढ़ने के साथ मेरे शरीर में बदलाव आए हैं, जैसा कि सबके शरीर के साथ होता है. इसे मुझे दिमागी तौर पर भी स्वीकार करना ही था कि ठीक है, चलो अब मेरा शरीर ऐसा दिखता है, अब मैं ऐसी दिखती हूं. ठीक है, मैं अपने अभी के शरीर के साथ हूं ना कि 10 या 20 साल के शरीर के साथ.
‘मेरा उद्देश्य क्या है?’
उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है और आपको आत्मविश्वास देता है कि आप कैसे दिखते हैं इसके बाद क्या कर पा रहे हैं. मैं हमेशा सोचती हूं कि मैं क्या कर पा रही हूं? मेरा उद्देश्य क्या है? आज मुझे जो काम मिला था क्या उसे ठीक से कर पा रही हूं. एक्ट्रेस कहती है, उनके आत्मविश्वास और दूसरों को इंप्रेस करने का हुनर उनमें है, लेकिन इससे उनकी बॉडी का कुछ लेना देना नहीं है.
वहीं, हाल ही में एक्टर सोनू सूद सरकार से उन बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की अपील की थी जो कोविड-19 की वजह से अपने पेरेंट्स को खो चुके हैं. उनके इस प्रयास की तारीफ प्रियंका ने की थी. साथ ही इसका समर्थन भी किया था. एक्ट्रेस ने कहा था, “क्या आपने दूरदर्शी परोपकारी लोगों के बारे में सुना है? मेरे सहकर्मी सोनू सूद एक ऐसे ही शख्स हैं. वह सोचते हैं और आगे की योजना बनाते हैं.
एक्ट्रेस ने आगे इस पोस्ट में लिखा था, इसे ध्यान से सोचें क्योंकि प्रभाव दीर्घकालिक है और इसमें बच्चों के साथ-साथ महामारी की कई डरावनी कहानियां शामिल हैं. उन बच्चों के बारे में जो COVID-19 के कारण एक या दोनों माता-पिता को खो चुके हैं. आर्थिक कारकों के कारण उनकी शिक्षा बंद हो सकती है.”