दो लाख का इनामी नक्सली सुखराम और उसकी महिला साथी ने किया आत्मसमर्पण
आदित्यपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई क्षेत्र में सक्रिय नक्सली महाराज प्रमाणिक के दस्ते का एरिया कमांडर दो लाख का इनामी राकेश मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा (22) व उसकी प्रेमिका सह इस दस्ते की महिला सदस्य चांदनी उर्फ बुधनी सरदार (20) ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. दोनों के खिलाफ कई अपराध क्षेत्र के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. यह जानकारी आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के सभागर में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जिले के एसपी एम अर्शी ने दी.
आदित्यपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई क्षेत्र में सक्रिय नक्सली महाराज प्रमाणिक के दस्ते का एरिया कमांडर दो लाख का इनामी राकेश मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा (22) व उसकी प्रेमिका सह इस दस्ते की महिला सदस्य चांदनी उर्फ बुधनी सरदार (20) ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. दोनों के खिलाफ कई अपराध क्षेत्र के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. यह जानकारी आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के सभागर में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जिले के एसपी एम अर्शी ने दी.
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हथियार छोड़कर दस्ते से निकले
एसपी श्री अर्शी ने बताया कि राकेश मुंडा व चांदनी ने जब सामान्य जीवन जीने के लिए दस्ता छोड़ने का निर्णय लिया तो इससे छुटकारा पाने की सोचने लगे. दस्ते से निकल भागने के लिए इन लोगों ने अपने हथियार दस्ते में छोड़ दिये. इसलिए इनके पास के कोई हथियार बरामद नहीं हुआ. इस वर्ष अप्रैल माह में ही दोनों ने दस्ता छोड़ दिया था. इससे पहले राकेश मुंडा के घर का इस साल फरवरी में कुर्की हो गया. चांदनी की तबीयत खराब रहने लगी थी. दोनों जब महाराज प्रमाणिक से पैसे मांगते थे तो वह नहीं देता था. महाराज प्रमाणिक दोनों को आपस में मिलने भी नहीं देते थे. मुसीबत के समय सहयोग नहीं मिलने से दोनों का दस्ते से मोह भंग गया.
महाराज प्रमाणिक लाया था चांदनी को
नक्सली दस्ते की सदस्य चांदनी को दस्ते का नेता महाराज प्रमाणिक उसके गांव से लाया था. बचपन में इसकी मां का देहांत होने के बाद चाचा के पास जराईकेला पढ़ाई के लिए चली गयी थी. बड़े होने पर 2017 में इसके चाचा रायजामा गांव पहुंचा दिया. गांव में नक्सली दस्ते आते रहते थे. 2018 के अप्रैल माह में महाराज प्रमाणिक का दस्ता आया हुआ था. महाराज प्रमाणिक उसके घर आकर बोला कि उसका गांव सुरु डैम बनने से डूब रहा है. इसलिए साथ में चलने और डैम बनने से रोकने की बात कही. तब से वह जोमरो पहाड़ स्थित दस्ता में रहते हुए खाना बनाने का काम करने लगी. बाकी समय में हथियार चलाने का प्रशिक्षण देकर कार्बाइन हथियार चांदनी को दिया गया. इस साल अप्रैल माह में कांडागोड़ा चौक के पास पुलिस बल को आइइडी विफोस्ट कर पुलिस मुठभेड़ में वह शामिल थी.
दस्ते में सक्रिय रहते हुए दोनों में निकटता बढ़ी
उदाडीह (कुचाई) निवासी इनामी नक्सली कमांडर राकेश मुंडा व रायजामा (खरसावां) निवासी दस्ते की सदस्य चांदनी के बीच दस्ते में रहते हुए निकटता बढ़ी. दोनों का अपने-अपने गांव आना-जाना लगा रहता था. एक-दूसरे के निकट आये दोनों शादी करना चाहते थे. इसके लिए वे स्थायित्व ढूंढ़ने लगे. शादी के बाद की कठिनाई को देखते हुए व झारखंड सरकार के कूल फैक्टर आत्मसमर्पण की नीति से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
सुनवाई तक रहेंगे ओपन जेल में
एसपी श्री अर्शी ने सरकार की आत्मसमर्पण की नीति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दस्ता छोड़कर आने वाले किसी भी नक्सली को कई प्रकार की सुविधा दी जाती है. दो साल के अंदर उन्हें पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपये व चार डिसमिल जमीन दिये जाते हैं. साथ ही इनाम की राशि भी मिलती है. इतना ही नहीं बच्चों की शिक्षा के साथ 40 हजार रुपये दिये जाते हैं और पांच लाख का बीमा कराया जाता है. उन पर केस चलने तक उन्हें ओपन जेल में रखा जायेगा. इनकी फास्ट ट्रैक सुनवाई करवायी जाती है. जो सजा मिलनी है उन्हें मिलेगी और उसके बाद वे समाज के मुख्यधारा में आयेंगे.
राकेश मुंडा का आपराधिक इतिहास :
कुचाई थाना कांड सं-25/14, दिनांक-17.12.2014, धारा-302/34 भादवि व 17 सीएलए एक्ट.
खरसावां थाना कांड सं-35/2016, दिनांक-24.06.2016, धारा-147/148/149/323/341/342/379/435/436 भादवि, 3/4 विपअधि व 17 सीएल एक्ट एवं 13 यूपीए एक्ट.
कुचाई थाना कांड सं-31/2018, दिनांक-26.12.2018, धारा-174 (ए) भादवि.
कुचाई थाना कांड सं-14/2019, दिनांक-29.05.2019, धारा-147/148/149/307/353/323/324/427 भादवि, 27 आर्म्स एक्ट, 17 सीएल एक्ट, 3/4 विपअधि व 13 यूएपी एक्ट.
कुचाई थाना कांड सं-33/2019, दिनांक-29.11.2019, धारा-147/148/149/353/307 भादवि, 25(1-ए) 27 आर्म्स एक्ट, 10/13/16/18/20 यूएपी एक्ट, 3/4/5 विपअधि व 17 सीएलए एक्ट.
चांदनी का आपराधिक इतिहास :
खरसावां थाना कांड सं-35/2020, दिनांक-09.04.2020, धारा-147/148/149/353/307 भादवि, 27 आर्म्स एक्ट, 3/4/5 विपअधि यूएपी एक्ट व 17 सीएल एक्ट.
आर्थिक तंगी के कारण दस्ते में शामिल हुआ राकेश
राकेश घर की आर्थिक तंगी के कारण वर्ष 2014 के अंत में कमाने के लिए गुजरात चला गया था. वहां से वह 2016 में अपने गांव वापस लौट आया. उस दौरान महाराज प्रमाणिक का दस्ता उसके गांव में व आसपास के जंगलों में भ्रमणशील था. इसी क्रम में 2016 मई के आसपास महाराज प्रमाणिक का दस्ता 10-12 की संख्या में इसके गांव रात में आया हुआ था. इसी दौरान राकेश की मुलाकात महाराज प्रमाणिक से हुई. प्रमाणिक ने उसे अच्छा पैसा देने की बात कहा, जिसके बाद वह चला गया. जहां उसे हथियार का प्रशिक्षण दिया गया.
इस दौरान उसकी मुलाकात प्रशांत बोस उर्फ किशन व अनल दा उर्फ पतिराम मांझी हे हुआ. इसके बाद राकेश की 2019 जनवरी माह में चारसुईड पहाड़ में पुलिस के साथ मुठभेड़ हुआ. इसके बाद राकेश को कुचाई क्षेत्र का एरिया कमांडर बना दिया गया और एसएलआर हथियार दे दिया गया. इसके बाद वर्ष2019 के मई माह में हुडंगदा सुरू डैम व रायसिंदरी पहाड़ पर पुलिस के साथ मुठभेड़ हुआ. जिसमें राकेश का साथी प्रदीप स्वांसी मारा गया था. वर्ष 2019 नवंबर माह में विधानसभा चुनाव को बाधित करने के लिए जोम्बरो से रायसिंदरी पहाड़ पहुंचे थे, जहां पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गयी थी.
नक्सली आत्मसर्पण कर सरकार की नीति का लाभ उठाएं : एसपी
एसपी एम अर्शी ने कहा कि नक्सलियों के लिए अच्छा मौका है कि वह सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाये हुए आत्मसमर्पण कर दें. अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति नक्सलियों की सूचना देकर गिरफ्तार कराते हैं, वैसे व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए नक्सलियों पर घोषित इनाम की राशि सूचना देने वालों को दी जायेगी.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.