धनबाद स्थित एचयूआरएल सिंदरी से जल्द शुरू होगा यूरिया का उत्पादन, 2000 लोगों को मिलेगा रोजगार
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की सिंदरी तथा बरौनी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही हर्ल के सिंदरी और बरौनी संयंत्रों से यूरिया का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
Dhanbad News: केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की सिंदरी तथा बरौनी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही हर्ल के सिंदरी और बरौनी संयंत्रों से यूरिया का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
25 लाख टन का देंगे योगदान
उन्होंने कहा कि ये दो संयंत्र यूरिया के स्वदेशी उत्पादन में 25 लाख टन से अधिक का योगदान देंगे, जिससे आयातित यूरिया की मात्रा कम करने में मदद मिलेगी. श्री मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन संयंत्रों से स्वदेशी यूरिया का उत्पादन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के केंद्रित प्रयासों से भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा.
500 प्रत्यक्ष व 1500 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्येक संयंत्र 500 प्रत्यक्ष और 1500 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा. सरकार ने नामित सार्वजनिक उपक्रमों जैसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) तथा फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआइएल) व हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) के साथ जॉइंट वेंचर कंपनी बनाकर नामांकन आधार से सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी यूनिटों के पुनरुद्धार को अनिवार्य कर दिया है.
एनटीपीसी को मिली है भागीदारी
इस तरह हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड नामक संयुक्त उद्यम कंपनी को एनटीपीसी, आइओसीएल और सीआइएल द्वारा 29.67 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी और गोरखपुर, सिंदरी तथा बरौनी में 12.7 लाख टन क्षमता वाला गैस आधारित अमोनिया यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए एफसीआइएल द्वारा 11 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी के साथ शामिल किया गया है.