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नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी का विरोध, बोले भाजपा नेता- TMC को नंदीग्राम में शहीद दिवस मनाने का अधिकार नहीं

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को नंदीग्राम में शहीद दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को नंदीग्राम में शहीद दिवस मनाने का अधिकार नहीं है, जिन्होंने सिंगूर आंदोलन को स्कूल के सिलेबस में शामिल किया, लेकिन नंदीग्राम को छोड़ दिया. कहा कि जिन लोगों ने नंदीग्राम के किसानों पर गोली चलायी, उन पुलिस वालों को प्रोमोशन देने वाली पार्टी को यहां शहीद दिवस मनाने का अधिकार नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2021 1:06 PM
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नंदीग्राम (रंजन माइती) : पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार के पतन का कारण बनने वाले नंदीग्राम में बंगाल चुनाव 2021 से पहले शहीद दिवस (14 मार्च) पर जमकर राजनीति हुई. सुबह तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने शुभेंदु अधिकारी का जमकर विरोध किया, तो तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले अधिकारी सत्तारूढ़ टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बरसे.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को नंदीग्राम में शहीद दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को नंदीग्राम में शहीद दिवस मनाने का अधिकार नहीं है, जिन्होंने सिंगूर आंदोलन को स्कूल के सिलेबस में शामिल किया, लेकिन नंदीग्राम को छोड़ दिया. कहा कि जिन लोगों ने नंदीग्राम के किसानों पर गोली चलायी, उन पुलिस वालों को प्रोमोशन देने वाली पार्टी को यहां शहीद दिवस मनाने का अधिकार नहीं है.

श्री अधिकारी ने कहा कि आज बहुत से लोग सोनाचूड़ी आ रहे हैं. बहुत से लोग आ-जा रहे हैं. पिछले साल कोई नहीं आया था. वर्ष 2008 से कोई नहीं आया. अगले साल भी यहां कोई नहीं आयेगा. शुभेंदु अधिकारी यहां हमेशा आप लोगों के साथ रहा है. आज है और आगे भी रहेगा. कहा कि कुछ लोग गुंडों की मदद से नंदीग्राम में अशांति फैलाना चाहते हैं.

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शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम की जनता से कहा कि इस बार वोट होगा. आप लोग नया चुनाव देखेंगे. केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में मतदान होगा. श्री अधिकारी ने कहा कि उनकी निष्ठा में कोई त्रुटि न तो पहले थी, न आगे होगी. चुनाव आयेंगे, जायेंगे. पद आयेंगे, जायेंगे. जो वर्तमान है, वो पूर्व हो जायेगा और जो पूर्व है, वो वर्तमान में लौट आयेगा. लेकिन नंदीग्राम में अशांति नहीं होने देंगे.

इससे पहले नंदीग्राम में शुभेंदु के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. एक ग्राम पंचायत सदस्य ने कहा कि वह शुभेंदु अधिकारी से 10 कट्ठा जमीन की कीमत मांगेगा, क्योंकि शहीद मीनार बनाने के लिए उसकी खेत से मिट्टी लायी गयी थी. आज उस खेत में उपज नहीं होती. इसलिए शुभेंदु को उसकी जमीन की कीमत देनी होगी.

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वहीं, तृणमूल के एक नेता ने कहा कि नंदीग्राम में अशांति फैलाने वालों, यहां के किसानों के साथ मारपीट करने वालों और लक्ष्मण सेठ के गुंडों के साथ शुभेंदु अधिकारी घूम रहे हैं. उन्हें (शुभेंदु को) शहीदों की बेदी पर आने का कोई अधिकार नहीं है. किसानों पर अत्याचार करने वालों के साथ आ रहे शुभेंदु का यहां विरोध होगा.

उल्लेखनीय है कि वाम मोर्चा के शासनकाल में वर्ष 2007 में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में 14 मार्च को 14 किसानों की मौत हो गयी थी. आज भी नंदीग्राम के कई किसानों का कोई अता-पता नहीं है. ममता बनर्जी ने पिछले दिनों दावा किया था कि नंदीग्राम के लोगों के साथ वह अकेली खड़ी रहीं. कोई दूसरा किसानों का साथ देने नहीं आया था.

बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की वजह इस बार नंदीग्राम पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद यहां से चुनाव लड़ रही हैं, जबकि उन्हें टक्कर दे रहे हैं नंदीग्राम आंदोलन के दौरान उनके साथ खड़े रहे शुभेंदु अधिकारी. बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के 8 चरणों में चुनाव होना है. नंदीग्राम में 1 अप्रैल को वोट पड़ेंगे. मतगणना 2 मई को होगी.

Posted By : Mithilesh Jha

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