PUBG BGMI बनानेवाली गेमिंग कंपनी क्राफ्टन की नजर अब प्लेयर्स की जेब पर, पढ़ें पूरी खबर
क्राफ्टन इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोहन ने कहा कि उपयोगकर्ता आधार के मामले में भारत कंपनी के लिए शीर्ष तीन बाजारों में से एक है और गेमर्स के बीच भुगतान करने की इच्छा बढ़ रही है.
गेम बनाने वाली कंपनी क्राफ्टन के भारतीय कारोबार प्रमुख शॉन ह्यूनिल सोहन का कहना है कि भले ही भारत के कुल उपयोगकर्ता-आधार का 10 प्रतिशत से भी कम गेम के लिए भुगतान करता है लेकिन यह कंपनी द्वारा तैयार पबजी और बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया के शीर्ष पांच बाजारों में शामिल है.
क्राफ्टन इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोहन ने कहा कि उपयोगकर्ता आधार के मामले में भारत कंपनी के लिए शीर्ष तीन बाजारों में से एक है और गेमर्स के बीच भुगतान करने की इच्छा बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, भारत हमारे लिए दीर्घकालिक बाजार है. इसका बाजार प्रति वर्ष कम से कम 10 या 15 प्रतिशत बढ़ता है. हम अपनी स्थिति बनाये रखना चाहते हैं और बाजार के साथ बढ़ना चाहते हैं. भारत हमारे लिए शीर्ष पांच बाजारों में से एक है और उपयोगकर्ता आधार के मामले में यह शीर्ष तीन में है.
वर्तमान में, कंपनी भारत में पबजी के समान बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई) शूटिंग गेम चलाती है, जिसे सरकार ने सितंबर 2020 में प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, सरकार ने इसी साल मई में इसे दोबारा बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी थी.
Also Read: Top 10 Online Games: ये हैं दुनिया के 10 सबसे ज्यादा खेले जाने वाले गेम्स, देखें पूरी लिस्टसोहन ने कहा कि भारत में क्राफ्टन का भुगतान किया गया उपयोगकर्ता-आधार और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व विकसित गेमिंग बाजारों की तुलना में कम है. उन्होंने कहा, हमारे पास इन-ऐप खरीदारी है, जहां लोग सौंदर्य प्रसाधन और अतिरिक्त कौशल जैसे अपने उपभोग के लिए भुगतान करते हैं. यह आरएमजी (रियल मनी गेमिंग) नहीं है जहां कैश आउट की अनुमति है.
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनियों की आरएमजी खंड में प्रवेश करने की योजना है, सोहन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि कंपनी कोरिया सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में सख्त विनियमन के कारण इसमें विशेषज्ञ नहीं है, जहां यह सेगमेंट है.
गेम बनाने वाली कंपनी क्राफ्टन भारत में पबजी के समान बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई) गेम चलाती है, जिसे सरकार ने सितंबर 2020 में प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, सरकार ने इसी साल मई में इसे दोबारा बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी.