14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निकाय चुनाव में सोशल मीडिया से जम कर हो रहा प्रचार-प्रसार, कोई कर रहा वादा तो कोई गिना रहा कमियां

उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर जम कर सक्रिय हैं. प्रायः हर वार्ड के मतदाता फेसबुक से जुड़े हुए हैं. वार्डों में वाट्सएप ग्रुप भी बना हुआ है.

भभुआ. एक बार फिर नयी तिथि की घोषणा होते ही निकाय चुनाव में सोशल मीडिया प्रचार का एक प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है. प्रत्याशियों ने फेसबुक और वाट्सएप पर अपना चिह्न के साथ इमेज बना कर डालना शुरू कर दिया है. मत देने की अपील के साथ ही चुनावी वादे भी सोशल मीडिया के माध्यम से किये जा रहे है. प्रत्याशी ही चुनाव प्रचार में तामझाम करने के बजाय फेसबुक और वाट्सएप पर वोट मांग रहे है, यानी नगरीय निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के बीच मुकाबला जमीन पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चल रहा है.

उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय

उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर जम कर सक्रिय हैं. प्रायः हर वार्ड के मतदाता फेसबुक से जुड़े हुए हैं. वार्डों में वाट्सएप ग्रुप भी बना हुआ है. प्रत्याशी व उनके समर्थक वाट्सएप ग्रुप का जम कर उपयोग कर रहे हैं. इसके अलावा मतदाताओं को उनके पर्सनल नंबर पर मैसेज भी भेजा रहा है. चुनाव चिह्न हरेक मतदाता तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है. इसके लिए सोशल मीडिया बेहतर माध्यम साबित हो रहा है.

फेसबुक और वाट्सएप में सैकड़ों लोग साथ जुड़े रहते हैं

फेसबुक और वाट्सएप में सैकड़ों लोग साथ जुड़े रहते हैं. इस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल जाती है. सोशल मीडिया पर प्रचार के दौरान लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रियाएं भी प्रत्याशियों के लिए बेहतर साबित हो रहा है. फीडबैक के आधार पर प्रत्याशियों को मतदाताओं का मन टटोलने का भी अवसर मिल रहा है और वे अपनी स्थिति का आंकलन भी कर पा रहे हैं. दरअसल, सरकार की ओर से दो बच्चों सहित अन्य नियम लागू करने के बाद कई प्रत्याशियों के सपने तो धराशायी हो गये. लेकिन शिक्षित व युवा प्रत्याशियों ने चुनाव में घर-घर वोट मांगने के बजाय सोशल मीडिया को ही प्रचार का माध्यम बना दिया.

चुनाव में पहली बार वाट्सएप का प्रयोग जमकर हो रहा

निकाय चुनाव में पहली बार वाट्सएप का प्रयोग जमकर हो रहा है. क्योंकि गत निकाय चुनाव के समय वाट्सएप का प्रयोग कम था. नाममात्र ही लोग इसका प्रयोग करते थे. मगर आज के दौर में यह प्रमुख साधन बन गया है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव के बाद पंचायत चुनाव में सोशल मीडिया का प्रयोग किया और लोगों तक अपनी बातों को पहुंचाने में सफल रहे. उसके बाद से चुनावों में सोशल मीडिया चुनाव प्रचार बनता चला गया.

ग्रुप बना कर युवाओं को जोड़ा जा रहा

निकाय चुनाव में कूदे प्रत्याशियों का कहना है कि चुनाव में सोशल मीडिया का बहुत फायदा है. ग्रुप बना कर अपने वार्डों के लोगों खासकर युवाओं को जोड़ा जा रहा है. सभी को चुनाव में वोट डाल कर भारी बहुमत से विजयी बनाने की अपील की जा रही है. बताया जा रहा है कि अगर वह वार्ड का पार्षद बना, तो उसके विकास का एक समाना विकास करवाया जायेगा. वाट्सएप पर ग्रुप बना कर वोटरों से अपडेट ली जा रही है.

वाट्सएप के डीपी भी बदल गये

चुनाव में खड़े प्रत्याशियों व उनके चेहते युवाओं के फेसबुक व वाट्सएप से प्रोफाइल पिक्चर भी बदल गयी है. चुनाव से पहले जहां युवाओं ने अपने डीपी किसी हीरो-हीरोइन या फिर अन्य पिक्चर लगा रखी थी. लेकिन चुनाव की नयी तिथि की जानकारी के बाद अब एकदम से सोशल मीडिया निकाय चुनाव के रंग में रंग गया है. प्रत्याशी अपने चुनाव चिह्न के साथ रियल फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर डाल रहे है, ताकि प्रचार को चुनाव की तारीख आने तक तेज गति दी जा सके.

Also Read: गया जिले के आठ राजस्व कर्मियों की सेवा समाप्त, काम में लापरवाही बरतने पर डीएम ने की कार्रवाई
जमीनी प्रचार का भी बदला तरीका 

सोशल मीडिया से प्रचार के अलावा निकाय चुनाव में प्रत्याशियों ने जमीनी प्रचार का अपना तरीका भी बदल दिया है. प्रत्याशियों ने अब टोली बना कर प्रचार करना शुरू किया है. वे अपने कुनबे सहित जान पहचान के गण्यमान्य लोगों को साथ लेकर लोगों के घर जा रहे हैं. जिस व्यक्ति का मुहल्ले में जिससे संपर्क रहता है, वे उनके घर जाकर वोटरों को प्रत्याशी को वोट देने के लिए राजी करते हैं. इसके लिए कई तरह का प्रलोभन भी दिया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें