वहीं एक पूजा पंडाल में कोरोना महामारी के वक्त घटी तमाम घटनाओं को मूर्त रूप दिया गया है. पूजा पंडाल की इन तस्वीरों को देख आप कह उठेंगे वाह! क्या कलाकारी है?
कोलकाता के केशोपुर प्रफुल्ल कानन पंडाल में देवी मां की प्रतिमा के साथ प्रवासी मजदूरों की दशा बताती कई मूर्तियां लगाई गई हैं. इसमें कई मूर्तियां ऐसी हैं कि अभी बोल पड़ेंगी.
सूटकेस में अपने बच्चे को बिठाकर नंगे पांव सड़क नापती मां की तस्वीर खूब वायरल हुई थी. पूजा पंडाल में इस तस्वीर को मूर्त रूप दिया गया है. मूर्ति काफी सजीव जान पड़ती है.
पंजाब में किसी स्थान पर थक कर रेल की पटरियों पर सो गए प्रवासी मजदूरों की कटकर मौत हो गई थी. पूजा पंडाल में रेल की पटरियों पर सोते मजदूर दिखाए गए हैं.
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों की काफी मदद की. सभी राज्यों के मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया. उन्हें खाना पानी भी मुहैया करवाया. सोनू सूद पंडालों की खास रौनक बने हैं.
बिहार के दरभंगा की रहने वाली 15 साल की बच्ची ज्योति कुमारी ने साइकिल में अपने बीमार पिता को बिठाकर गुरुग्राम से दिल्ली तक 12 सौ किमी का सफर तय किया था. ज्योति के सफर को भी पंडाल में खास जगह दी गई है.
असम के मूर्तिकार संजीव बसाक ने भी मूर्ति बनाने में अनोखी कला का इस्तेमाल किया है. कोरोना महामारी की गंभीरता बताने के लिए संजीव ने सीरिंज, टैबलेट और मेडिकल वेस्ट की सहायता से मूर्तियां बनाई हैं.
एक पूजा पंडाल में मां दुर्गा को डॉक्टर का रूप दिया गया है. डॉक्टर के रूप में मां दुर्गा कोरोना रूपी महिषासुर का वध कर रही हैं. इस मूर्ति में ये दर्शाया गया है.
यहां भगवान गणेश को पुलिस का रूप दिया गया है वहीं मां सरस्वती नर्स का रूप धारण किए है.
कार्तिकेय फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में दिखाए गए हैं वहीं मां लक्ष्मी को राहत सामग्री बांटती समाजसेविका का रूप दिया गया है.
Posted By- Suraj Thakur