Ravidas Jayanti 2022: काशी में संत रविदास का एक ऐसा मंदिर है जिसे दूसरे गोल्डन टेंपल के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा 2 राज्यों में दलित वोटरों को साधने का भी यह एक बड़ा केंद्र रहा है. यूपी के साथ पंजाब में भी विधानसभा चुनाव हैं. मान्यता है कि पंजाब की सत्ता का रास्ता यूपी के बनारस (Banaras) में स्थित सन्त रविदास के मंदिर से होकर जाता है.यही वजह है कि हर साल संत रविदास की जयंती के अवसर पर यहां रैदासियों के साथ राजनेताओं का जमावड़ा लगा रहता है.
संत रविदास जयंती पर वाराणसी के रविदास मंदिर में सबसे पहले पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पहुचें . चन्नी सुबह लगभग 4 बजे पहुचें और सबसे पहले मंदिर में गए. बता दें कि रविदास मन्दिर में आज नेताओं का जमावड़ा लगा रहेगा. सबसे पहले पंजाब के सीएम चन्नी ने अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई और मन्दिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले उन्होंने संत रविदास के चरणों में मत्था टेका. जिसके बाद वो लगभग 45 मिनट तक मन्दिर में चल रहे कीर्तन में भाग लेते हुए कीर्तन सुने.
चन्नी मन्दिर से निकलने के बाद बाकायदा पंजाब से आये श्रद्धालुओं से मिलते हुए सत्संग स्थल भी पहुचें ,इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं संसार में दुनिया में बस रहे लोगो को रविदास जयंती की शुभकामनाएं देता हूँ,इस अवसर पर यहाँ आकर अपना अक़ीदा पेश कर रहा हूँ . रविदास मंदिर यात्रा पर चन्नी ने सियासी सवालों से पूरी तरह से कन्नी काटी, लेकिन इस दौरान पंजाब से आये श्रद्धालुओं से वो पैदल चल कर हाल-चाल पूछते नजर जरूर आएं. बता दें कि पंजाब सीएम रविदास मंदिर के अलावा काशी विश्वनाथ धाम भी गए, जहां उन्होंने दर्शन किया.
बता दें कि 20 फरवरी को होने वाले मतदान को देखते हुए पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी इस बार यहां आ रहे हैं. इतना ही नहीं अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी के भी आने की चर्चा है। सभी बड़े राजनेताओं को मंदिर प्रशासन की तरफ से आमंत्रण भेजा गया है.
रिपोर्ट – विपिन सिंह