Punjab Election 2022: पंजाब चुनाव के पहले सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच टकराव, जानिए कहां फंस रहा पेच
Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव की घड़ियां बेहद करीब है. प्रदेश में कभी भी चुनाव का बिगुल बज सकता है. लेकिन राज्य में प्रदेश कांग्रेस में खींचतान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव की घड़ियां बेहद करीब है. प्रदेश में कभी भी चुनाव का बिगुल बज सकता है. लेकिन राज्य में प्रदेश कांग्रेस में खींचतान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. आलम ये है कि नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच टकराव एक बार फिर नजर आने लगा है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस बार पेंच 27 सीटों पर फंस रहा है. जिसको लेकर सीएम चन्नी और सिद्धू आमने -सामने हैं. दोनों नेता अपने अपने समर्थकों को आगे करने में लगे हैं.
गौरतलब है कि, आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अधिकतर सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बना ली है. लेकिन कुछ सीटों पर नाम तय होना बाकी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की 117 सीटों में से 90 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम करीब करीब तय कर लिए हैं. बाकि बचे 27 सीटों के लिए खींचतान हो रही है. सिद्धू और चन्नी बटाला, फगवाड़ा, सनौर, सूनम, मानसा समेत अन्य सीटों पर अपने समर्थकों लेकर राजनीति हो रही है.
सीएम फेस की मांग: इधर, सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच टकराव का एक कारण है कि, सिद्धू पार्टी हाईकमान से लगातार सीएम फेस की मांग कर रहे हैं. दरअसल, पंजाब में सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच सीएम पद को लेकर अंदरखाने में टकराव हो रहे हैं. सीधे तौर पर विवाद नहीं हो रहा है, लेकिन सिद्धू लगातार सीएम फेस की मांग कर रहे हैं. जिससे कई लोगों का मानना है कि सिद्धू को सीएम बनने की इच्छा रखते है. हालांकि पार्टी हाईकमान ने सिद्धू की इस मांग को खारिज कर दिया है.
इधर, सिद्धू से इतर सीएम चन्नी चुनाव प्रचार में बार-बार यह बात दोहराते नजर आ रहे हैं कि उन्हें आगे भी मौका मिलना चाहिए. कई रैलियों में उन्होंने यह बात दोहराई है कि उन्हें एक बार और मौका मिलना चाहिए.
इन सबके बीच एक हिंदी अखबार के इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पंजाब में उनके और सीएम चन्नी के बीच के टकराव को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि, जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कई विषयों में कांग्रेस अध्यक्ष की बात मानते थे. तो वो चाहते हैं कि सीएम चन्नी भी उनकी बात मानें. बहरहाल सियासत में न कोई दोस्त होता है और न कोई दुश्मन, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव के बाद पंजाब के सीएम का ताज किसके सिर सजता है.
Posted by: Pritish Sahay