बिहार के मगध मेडिकल कॉलेज में खरीद घोटाला: पांच की कलम 35 में, तो 50 का ताला खरीदा गया 376 रुपये में
सामान की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की जांच करने के लिए डीएम ने डीडीसी, नजारत उपसमाहर्ता व अपर समाहर्ता की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. जांच में जब खरीदे गये सामान के दाम का मिलान जेम पोर्टल व इ-कॉमर्स साइट से किया गया, तो रेट में काफी अंतर पाया गया.
जितेंद्र मिश्र, गया. बाजार में पांच रुपये में मिलने वाला एक पेन मगध मेडिकल अस्पताल में 35 रुपया में खरीदा गया. ऐसे ही कई सामान की खरीद बाजार मूल्य से तीन गुने ज्यादा दाम पर हुई. खरीदे गये विभिन्न सामान के दाम जेम पोर्टल और कुछ और हैं तथा ऑनलाइन इ-कॉमर्स साइट पर कुछ और. दोनों के रेट में काफी अंतर है. कई सामान की कीमत उसकी वाजिब रेट से कई गुना अधिक चुकायी गयी है. उदाहरण स्वरूप अस्पताल प्रशासन की ओर से एक ताले की खरीद उसकी वाजिब कीमत से सात गुना अधिक है. इसी प्रकार इंडस्ट्रियल फैन के लिए छह गुना, कंप्यूटर के लिए तीन गुना, यूपीएस के लिए दो गुना अधिक कीमत चुकायी गयी है. इस मामले के उजागर होने के बाद हर तरफ हड़कंप मचा हुआ है.
जांच के लिए बनाई गई थी तीन सदस्यीय कमेटी
गौरतलब है कि सामान की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की जांच करने के लिए डीएम ने डीडीसी, नजारत उपसमाहर्ता व अपर समाहर्ता की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. जांच में जब खरीदे गये सामान के दाम का मिलान जेम पोर्टल व इ-कॉमर्स साइट से किया गया, तो रेट में काफी अंतर पाया गया. स्पिलट एसी व विडो एसी की खरीद लगभग दोगुने दाम पर की गयी है. एक पांच रुपये के पेन को साढे 35 रुपये में अस्पताल प्रशासन ने खरीदा है.
क्रय समिति के सदस्य झाड़ रहे पल्ला
जांच रिपोर्ट के संबंध में डीएम का पत्र आने के बाद क्रय समिति के सदस्य के रहे कई विभागाध्यक्षों का कहना है कि उन्होंने यहां दस्तखत ही नहीं किया है. उनकी जगह पर विभाग के ही कुछ डॉक्टरों से क्रय समिति के रजिस्टर पर दस्तखत करा लिया जाता है. डॉक्टरों के बीच यह चर्चा हो रही है कि खरीद में शामिल लोगों को सेवानिवृत्ति लाभ लेने में काफी दिक्कत होगी. उच्च स्तरीय जांच अगर होती है, तो कई तरह खुलासे होंगे.
कुछ और खुलासे होने की संभावना
गौरतलब है कि यह खुलासा विभिन्न तरह के सामान की खरीद में हुआ है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अगर दवा व क्लीनिकल सामान की खरीद की जांच की जाती है, तो और भी खुलासे होंगे. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने बताया कि उनके कार्यकाल से पहले गैस का एंपुल रैब्रिप्राजोल बहुत अधिक दाम पर यहां खरीदा जा रहा था. उनके अधीक्षक बनते ही यह एंपल महज 25 रुपये में खरीदा जाने लगा. इस तरह अन्य दवाओं की रेट में भी काफी अंतर उनके कार्यकाल व पहले के अधीक्षक के कार्यकाल में रहा है.
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अधीक्षक से मांगा गया है जवाब : डीएम
गया के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज में सामान खरीद में गड़बड़ी की सूचना के बाद तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाकर जांच करायी गयी. इसमें वाजिब कीमत से कई गुना अधिक रेट पर कई सामान की खरीद की गयी है. इसमें कंप्यूटर, फ्रीज व अन्य सामान शामिल हैं. किस परिस्थिति में इतने अधिक दाम पर सामान की खरीद की गयी, इसके बारे में अधीक्षक से जवाब मांगा गया है. क्रय समिति के सदस्यों की भी लिस्ट मांगी गयी है. अधीक्षक की ओर से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.