Purnea: पूर्णिया में साइबर बुलिंग का शिकार हुए एक परिवार के मुखिया ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बतायी है. पीड़ित पिता की बेटी का पूर्व प्रेमी एक पुराना वीडियो क्लिप भेज कर वायरल करने की धमकी दी है. इस पर जिलाधिकारी ने कहा है कि पहले इज्जत जाने का भय दिल से निकाल दें. साथ ही कहा है कि आपकी चुप्पी आपकी ‘इज्जत’ बचाये या ना बचाये, आपराधिक तत्वों की हिम्मत जरूर बढ़ा देती है.
पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने ट्वीट कर पीड़ित पिता के साथ मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के बारे में बताया है. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ”आज शाम कार्यालय में एक व्यक्ति से मुलाक़ात हुई. उन्होंने बहुत परेशानी की हालत में बताया कि उनकी बेटी के पूर्व प्रेमी ने पुरानी वीडियो क्लिप की रिकॉर्डिंग वाइरल करने की धमकी देकर पूरे परिवार को परेशान कर रखा है. यहां तक कि उसने वह वीडियो उन्हें (लड़की के पिता को) भी भेज दी.”
आज शाम कार्यालय में एक व्यक्ति से मुलाक़ात हुई। उन्होंने बहुत परेशानी की हालत में बताया कि उनकी बेटी के पूर्व प्रेमी ने पुरानी Video chat की रिकॉर्डिंग वाइरल करने की धमकी देकर पूरे परिवार को परेशान कर रखा है। यहाँ तक की उसने वह video उन्हें (लड़की के पिता को) भी भेज दी।
— Rahul Kumar (@Rahulkumar_IAS) April 8, 2022
पूर्णिया के जिलाधिकारी ने आगे कहा है कि ”उन्होंने रोते हुए कहा कि हमारा परिवार ‘वैसा’ परिवार नहीं है और हमारी इज्जत चली जायेगी. मेरे साथ बैठे पुलिस अधीक्षक ने उनसे उस लड़के की जानकारी ली. वह लड़का किसी और जिले का रहनेवाला है. हमने उन्हें शीघ्र और सख्त कानूनी कार्रवाई का यकीन दिलाया. पर, साथ ही एक और बात उन्हें बतायी.”
उन्होंने ट्वीट में आगे कहा है कि ”मैंने उन्हें कहा कि कोई भी परिवार ‘वैसा’ परिवार नहीं होता और ऐसी घटना किसी के साथ हो सकती है. इसलिए सबसे पहले इज्जत जाने के भय को दिल से निकालना होगा.” साथ ही कहा है कि ”फिर सोचा कि इज्जत की पूरी अवधारणा कितनी पितृसत्तात्मक है और कैसे इज्जत का पूरा बोझ आरोपी की जगह पीड़ित पर आ जाता है. विडंबना यह है कि पितृसत्ता स्त्रियों के साथ-साथ पुरुषों को भी अपना शिकार बना लेती है.”
पूर्णिया के डीएम ने कहा है कि ”वह पिता अपनी बेटी के साथ हो रहे अपराध पर यथोचित प्रतिक्रिया देने की जगह समाज में इज्जत को लेकर बेबस और लाचार नजर आ रहा था. खैर, साइबर बुलिंग को बर्दाश्त ना करें. आपकी चुप्पी आपकी ‘इज्जत’ बचाये ना बचाए, ऐसे आपराधिक तत्वों की हिम्मत जरूर बढ़ा देती है.”
साइबर बुलिंग से बचने के लिए अपनी निजी जानकारी सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा ना करें. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी अनजान व्यक्ति को दोस्त ना बनाएं. अपनी निजी जानकारी जैसे-जन्मतिथि, आधार नंबर, डेबिट कार्ड नंबर, एटीएम पिन, ओटीपी भूलकर भी साझा ना करें. ऑनलाइन गेम आदि में मांगे जाने पर भी निजी जानकारी साझा ना करें. इसके बावजूद अगर कोई आपको परेशान कर रहा है, तो इसकी शिकायत पुलिस को जरूर दें.
बुलिंग चार प्रकार फिजिकल, वर्बल, सोशल और साइबर की होती है. हाथापाई, मारपीट या चोट पहुंचाने को फिजिकल बुलिंग कहते हैं. दूसरों के सामने नाम बिगाड़ने, चिढ़ाने, आत्मसम्मान को चोट पहुंचाने को वर्बल बुलिंग कहते हैं. दूसरे को सलाह देना, जैसे- फलां से दोस्ती मत रखो, सोशल बुलिंग कहा जाता है. वहीं, मोबाइल, ई-मेल, चैट या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर परेशान करनेवाले या मैसेज भेजना साइबर बुलिंग कहा जाता है.