Raid In Bihar: बिहार में फिर एकबार भ्रष्ट आइपीएस अधिकारी पर गाज गिरी है. इस बार पूर्णिया के एसपी दया शंकर स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) के रडार पर आए. मंगलवार को पूर्णिया एसपी के सरकारी आवास समेत 12 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गयी जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए. एसपी दया शंकर ने बेहद कम समय में अवैध तरीके से करोड़ों की उगाही की. कुछ पुलिसकर्मियों की मदद से वो वसूली करवाते रहे और धनकुबेर बन गये. आइये जानते हैं भ्रष्ट अफसर दया शंकर के बारे में…
2014 बैच के आइपीएस दयाशंकर
दयाशंकर, बिहार कैडर के 2014 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं. वह जगदीशपुर, भोजपुर में एसडीपीओ तथा शेखपुरा के एसपी रह चुके हैं. एसपी दयाशंकर पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं और वह कई बार विवादों में रहे हैं. दया शंकर ने अवैध तरीके से संपत्ति बनाई.
इस मामले में एसवीयू ने दस अक्टूबर को कांड संख्या 13/22 दर्ज किया था. निगरानी अदालत से सर्च वारंट लेने के बाद स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने करीब 70 अधिकारियों की टीम तैयार की. एसटीएफ की दो यूनिट, बिहार मिलिट्री पुलिस एक की 4 यूनिट बल के साथ पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
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अवैध कमाई से बने धनकुबेर
बता दें कि आइपीएस दया शंकर की नियुक्ति के बाद 2016 से अब तक उनकी वैध कमाई एक करोड़ नौ लाख 47 हजार 691 रुपये है. आइपीएस की पत्नी गृहणी हैं. अपनी वैध कमाई में आइपीएस दया शंकर ने 72 लाख 73 हजार 418 रुपये खर्च किये. जांच में 71 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है. एसपी दयाशंकर ने अवैध एवं बेनामी संपत्ति में स्वयं, अपनी पत्नी और बिल्डर के जरिये निवेश किया है.
रीडर, गनर और थानेदार के सहारे वसूली
छापेमारी में ये खुलासा हुआ कि एसपी दया शंकर ने अवैध वसूली के लिए अपने रीडर, गनर और थानेदार को तैनात कर रखा था. विजलेंस की टीम ने मंगलवार को पूर्णिया सदर के थानेदार संजय कुमार सिंह, एसपी के रीडर निर्मल कुमार सिंह, और टेलीफोट ड्यूटी पर रहने वाले सिपाही सावन कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की.
Posted By: Thakur Shaktilochan