Purnima 2022 Date: जनवरी से दिसंबर तक कब-कब है पूर्णिमा, चेक करें पूरी लिस्ट, जानिए इसका धार्मिक महत्व
Purnima 2022 Date: साल 2022 में पूर्णिमा तिथि एवं व्रत के बारे में यहां है पूरी जानकारी.
Purnima 2022 List In Hindi: हिंदू धर्म में दो महत्वपूर्ण तिथियां होती है जो हर माह आती है.एक पूर्णिमा दूसरी अमावस्या. पूर्णिमा के दिन देवताओं को और अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर ध्यान पूजा और दान किया जाता है.
नए साल की पहली पूर्णिमा 17 जनवरी को
नए साल 2022 की पहली पूर्णिमा जनवरी माह में 17 जनवरी को आएगी. उस समय हिन्दी कैलेंडर का पौष माह का शुक्ल पक्ष होगा, इस पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. 2022 की पूर्णिमा में फाल्गुन पूर्णिमा ,बौद्ध पूर्णिमा,गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा भी शामिल है. साल की 12 पूर्णिमा का अपना महत्व है. इन तिथियों पर वेद व्यास, गौतम बुद्ध जैसे महात्माओं का जन्म भी हुआ है.
Purnima 2022 List In Hindi: नए साल 2022 की पूर्णिमा व्रत तिथियां
Purnima 2022 List In Hindi: नए साल 2022 की पूर्णिमा व्रत तिथियां
· 17 जनवरी, दिन: सोमवार: पौष पूर्णिमा
· 16 फरवरी, दिन: बुधवार: माघ पूर्णिमा
· 17 मार्च, दिन: गुरुवार: फाल्गुन पूर्णिमा
· 16 अप्रैल, दिन: शनिवार: चैत्र पूर्णिमा
· 15 मई, दिन: रविवार: वैशाख पूर्णिमा
· 14 जून, दिन: मंगलवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा
· 13 जुलाई, दिन: बुधवार: आषाढ़ पूर्णिमा
· 11 अगस्त, दिन: गुरुवार: श्रावण पूर्णिमा
· 10 सितंबर, दिन: शनिवार: भाद्रपद पूर्णिमा
· 09 अक्टूबर, दिन: रविवार: आश्विन पूर्णिमा
· 08 नवंबर, दिन: मंगलवार: कार्तिक पूर्णिमा
· 07 दिसंबर, दिन: बुधवार: मार्गशीर्ष पूर्णिमा
Purnima 2022 List In Hindi: पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा तिथि का अपना महत्व है. इन तिथियों पर महापुरुषों धर्मगुरूओं और देवताओं का प्रादुर्भाव हुआ था. इस वजह से इसका और भी महत्व बढ जाता है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रुप में और सोलह कलाओं से युक्त होता है. धर्म ग्रंथों अनुसार साल की किसी भी पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी कामनाओं की पूर्ति होती है.
पूर्णिमा का व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण
इस दिन सुहागिनें व्रत कर अपने सौभाग्य की वृद्धि करती है पति की लंबी आयु के लिये वट, यानि बरगद के पेड़ की उपासना की जाती है. इसके अलावा इस दिन बिल्व पत्र से भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है. फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन तो सावन की पूर्णिमा पर रक्षा बंधन का त्योहार मनाते है. जो प्रेम और सौहार्द्र की भावना जागृत होती है. कुंडली का चंद्र दोष खत्म होता है. वहीं जनवरी माह की पौष पूर्णिमा को शाकम्भरी पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है.