झारखंड का पुतरु टोल प्लाजा 22 नवंबर से होगा शुरू, ये है चार्ज, रैयतों के विरोध को लेकर पुलिस अलर्ट
पूर्वी सिंहभूम जिले के पुतरु टोल प्लाजा का संचालन व राजस्व (टोल) वसूली के लिए एनएचएआई प्रशासन ने एजेंसी मेसर्स वेस्टवेल आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड का चयन कर लिया है. 22 नवंबर को ये टोल प्लाजा शुरू किया जायेगा. रैयतों के विरोध को लेकर पुलिस को अलर्ट है.
Toll Plaza In Jharkhand: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला थाना अंतर्गत गालूडीह में एनएच-33 पर पुतरु टोल प्लाजा को मंगलवार (22 नवंबर) सुबह आठ बजे से शुरू करने की तैयारी है. इस मार्ग से अब जमशेदपुर से घाटशिला-बहरागोड़ा जाने-आने पर प्राइवेट व कॉमर्शियल गाड़ियों का शुल्क लगेगा. टोल प्लाजा शुरू करने को लेकर विधि व्यवस्था और सुरक्षा के लिए एनएचएआई प्रशासन ने जिले के प्रशासनिक व पुलिस महकमा को पत्र भेजकर अलर्ट किया है.
पुतरु टोल प्लाजा को लेकर रैयतों का विरोध
पुतरु टोल प्लाजा का संचालन व राजस्व (टोल) वसूली के लिए एनएचएआई प्रशासन ने एजेंसी मेसर्स वेस्टवेल आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड का चयन कर लिया है. प्रोजेक्ट के निर्माण पर 358.74 करोड़ रुपये खर्च किया गया है. गौरतलब हो कि पुतरु टोल प्लाजा व एनएच 33 फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए 21 एकड़ जमीन नियमानुसार ली गयी है, लेकिन जमीन के एवज में रैयतों ने निर्धारित राशि लेने से मना कर दिया और विरोध कर रहे हैं. इस कारण पुतरु टोल प्लाजा को चालू करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.
नोटिफिकेशन जारी
22 नवंबर से टोल वसूली शुरू करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है. एनएचएआइ प्रशासन ने गजट नोटिफिकेशन के आधार पर निर्धारित टोल शुल्क का अध्ययन करने के बाद रविवार को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें 22 नवंबर से टोल पर सुबह आठ बजे से शुल्क लगना शुरू होने की विस्तार से जानकारी दी गयी है.
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टोल से गाड़ी गुजरने पर लगेगा यह रेट
वाहन एक तरफ 24 घंटे में लौटने पर
कार, जीप, वैन व हल्के मोटर वाहन 60 रुपये 95 रुपये
हल्के वाणिज्यिक व मालवाहक वाहन 100 रुपये 150 रुपये
बस व ट्रक (दो धुरी वाले) 210 रुपये 315 रुपये
तीन धुरी वाले वाणिज्यिक वाहन 230 रुपये 345 रुपये
भारी निर्माण मशीनरी 330 रुपये 495 रुपये
बड़े आकर वाले वाहन 400 रुपये 600 रुपये
आर्बिट्रेशन में लंबित है मामला
घाटशिला विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि पुतरु टोल के समीप 21 एकड़ जमीन देने वाले स्थानीय रैयतों के साथ वे खड़े हैं. जमीनदाता की कृषि वाली जमीन का मामला पूर्वी सिंहभूम एडीसी कोर्ट में आर्बिट्रेशन का मामला महीनों से लंबित है. एडीसी का पद रिक्त होने से सुनवाई नहीं हो रही थी. अब सरकार ने एडीसी की पोस्टिंग कर दी है. इसकी सुनवाई जल्द होनी चाहिए. स्थानीय रैयत व ग्रामीण टोल प्लाजा या एनएच 33 प्रोजेक्ट का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन अधिग्रहित जमीन की मिले रेट को लेकर रैयतों को आपत्ति है. रैयतों का मामला सुलझाने के बाद ही टोल प्लाजा को चालू किया जाये, अन्यथा रैयतों व ग्रामीणों का कड़ा विरोध होगा. 95 फीसदी रैयतों ने मुआवजा नहीं लिया है.