Tokyo Olympics 2020 : टोक्यो में इतिहास रच भारत लौटीं पीवी सिंधु, एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत, देखें वीडियो
PV Sindhu टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराया और इतिहास रच डाला. सिंधु लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गयीं.
टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली पीवी सिंधु ( PV Sindhu) भारत लौट आयीं हैं. भारत लौटने पर उनका दिल्ली एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया. सिंधु के पहुंचने से पहले ही फैन्स एयरपोर्ट पर उनका इंतजार कर रहे थे. जैसे ही सिंधु एयरपोर्ट से बाहर निकलीं फैन्स ढोल और नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया.
पीवी सिंधु अपने कोच पार्क तेइ-सांग के साथ एयरपोर्ट के बारह आयीं. सिंधु की एक झलक पाने के लिए एयरपोर्ट पर फैन्स उमड़ पड़े. इधर स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत से सिंधु भी काफी खुश नजर आयीं.
#WATCH PV Sindhu and her coach welcomed at the Delhi airport; Sindhu bagged a bronze medal in women's singles badminton at #TokyoOlympics pic.twitter.com/6UORPFX851
— ANI (@ANI) August 3, 2021
उन्होंने कहा, लोगों का प्यार पाकर मैं बहुत खुश हूं. सिंधु ने इस मौके पर बैडमिंटन एसोसिएशन सहित सभी का आभार जताया. उन्होंने कहा, मुझे सभी का सपोर्ट मिला. उन्होंने कहा, उत्साह बढ़ाने के लिए बहुत आभारी हूं. यह बहुत खुशी का पल है. इधर भारत लौटने पर बैडमिंटन एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अजय सिंघानिया ने सिंधु और उनके कोच का स्वागत किया.
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गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराया और इतिहास रच डाला. सिंधु लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गयीं.
रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियन सिंधु से जब सेमीफाइनल में हार गयीं थीं तो काफी निराश हो गयीं थीं. लेकिन उनके कोच ने उनका उत्साह कम नहीं होने दिया. सिंधु ने पदक जीतने के बाद बताया, सेमीफाइनल में हार के बाद मैं निराश थी क्योंकि मैं स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश नहीं कर पाई. कोच पार्क ने इसके बाद मुझे समझाया कि अगले मैच पर ध्यान दो. चौथे स्थान पर रहकर खाली हाथ स्वदेश लौटने से बेहतर है कि कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवांवित करो.
कोच के शब्दों ने मुझे प्रेरित किया और मैंने अपना पूरा ध्यान कांस्य पदक के मुकाबले पर लगाया. मैच जीतने के बाद पांच से 10 सेकेंड तक मैं सब कुछ भूल गई थी. इसके बाद मैंने खुद को संभाला और जश्न मनाते हुए चिल्लाई.