बोलपुर, मुकेश तिवारी : बांग्ला महाकाव्य ‘गीतांजलि’ के रचियता महान कवि, लेखक, चित्रकार, दार्शनिक और लघु कथाकार रविंद्रनाथ टैगोर के जन्म जयंती दिवस यानी ( पच्चीसवीं बैसाख ) पर रविंद्रनाथ का रविंद्र भवन ही बंद रहा. जिस विश्व भारती और शांति निकेतन के कवि गुरु ने स्थापना की आज उसी संस्थान में कवि गुरु का जन्मदिन उपयुक्त रूप से पालन नहीं हो रहा है. विश्व भारती शांति निकेतन कर्मचारी परिषद ने अचानक कवि गुरु के समस्त कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा कर दी थी. मंगलवार को कवि रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मदिन पर भी विश्व भारती में आयोजित होने वाले मुख्य दो कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.
बताया जाता है की मंगलवार को सुबह 9 बजे से पाठ भवन के माधवी बितान में कवि गुरु का जन्मोत्सव मनाया जाना था और विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा रवींद्र के नृत्य नाटिका ‘शापमोचन’ की प्रस्तुति शाम 7 बजे मुख्य हॉल में होनी थी. लेकिन अचानक उक्त सभी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. विश्व भारती कैंपस में कोई आयोजन नहीं हो रहा है. पारंपरिक रवींद्र भवन के पट पिछले तीन दिनों से बंद किया हुआ है. आज जन्म जयंती यानी 25 बैसाख को भी नहीं खुला. कुल मिलाकर, यह स्पष्ट है कि विश्व भारती के अधिकारियों ने इस बार रवींद्र जयंती को नमन करने और मनाने का फैसला रद्द किया है. लेकिन क्यों? विश्व भारती प्रशासन का बहाना एक ही है की काफी गर्मी है.
बताया जाता है कि विश्व भारती और नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बीच 13 डेसिमल भूमि विवाद को लेकर गत शुक्रवार से ही विश्व भारती शांति निकेतन के रतन पल्ली में प्रतीची के समक्ष तृणमूल कांग्रेस और समर्थित बुद्धिजीवियों द्वारा धरना प्रदर्शन को लेकर समूचा विश्व भारती अशांत है. विश्व भारती बचाव समिति के बैनर तले यह आंदोलन होने के कारण ही संभावना जताई जा रही है कि विश्व भारती ने कवि गुरु की जयंती कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. हालांकि विश्व भारती के खिलाफ आज भी आंदोलन जारी रहेगा. इस वजह से ही संभवत: विश्व भारती ने कार्यक्रम में कटौती करने का विचार किया है.
विश्व भारती हर साल 25 बैशाख पर विश्व भारती परिसर में महा समारोह का आयोजन करती रही है. हालांकि शांति निकेतन कर्मचारी मंडली ने 4 मई को इस संबंध में शेड्यूल प्रकाशित किया था. उन्होंने बताया कि रविंद्र जयंती को लेकर मुख्य रूप से मंगलवार को वैतालिक में सुबह 5 बजे मुख्य प्रांगण में, कबीकण्ठ में 5:30 बजे उदयनगृह में और 7 बजे उपासना गृह में विशेष पूजा और प्रार्थना का आयोजन ही किया गया. इसके बाद सुबह 8:45 बजे विश्व भारती उदयन गृह स्थित रवींद्र मेमोरियल चेयर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया किया गया. इसके बाद दो अन्य कार्यक्रम तय हुए थे, जिन्हें सोमवार को रद्द कर दिया गया.
विश्व भारती के कार्यवाहक जनसंपर्क अधिकारी महुआ बंद्योपाध्याय ने कहा कि तापमान 41 डिग्री तक पहुंच गया. गर्मी के कारण छात्र बीमार न हों, इसके लिए मुख्य दो कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. अचानक हुए इस फैसले से कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों और अभिभावकों में भारी रोष है. हालांकि विश्व भारती बचाओ कमेटी धरना मंच में कविगुरु की स्मृति में दिन भर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की.
सदस्यों की ओर से मीनाक्षी भट्टाचार्य ने कहा, हम विश्व भारती के छात्र हैं. विश्वविद्यालय की परंपराओं से वाकिफ हैं. लेकिन मौजूदा अधिकारियों से इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. वे रवींद्र परंपरा को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर रहे हैं. मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि आज सुबह धरना मंच पर कविगुरु के चित्र पर माल्यार्पण किया गया. अन्य महाविद्यालयों के शिक्षक, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं आकर दिनभर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम कर कवि को नमन किया.
शाम को स्थानीय कलाकार चांडालिका नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे. विश्व भारती के इस व्यवहार से टैगोर परिवार के सदस्य और पाठ भवन के पूर्व प्राचार्य सुप्रिया टैगोर काफी नाराज थे. उन्होंने कहा कि मौजूदा अधिकारियों ने एक-एक करके विश्व भारती की सभी परंपराओं को बंद कर रहे है. रवींद्रनाथ, जिनके लिए विश्व भारती की स्थापना हुई थी, इस तरह का अपमान स्वीकार नहीं कर सकते. उन्होंने तीव्र रूप से कड़ी निन्दा की है.