Radha Rani Ji Ki Aarti: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष राधा अष्टमी का व्रत आज 23 सितंबर 2023 दिन शनिवार के दिन है. यदि आप पहली बार राधा अष्टमी का व्रत कर रहे हैं तो इस दौरान कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपका व्रत बिना किसा बाधा के पूरा हो सके. राधा अष्टमी पूजा के बाद कृष्ण प्रिय राधा रानी की आरती जरूर करें. राधा रानी की आराधना करने से आपकी सभी समस्याओं का अंत होगा और श्री कृष्ण और राधा रानी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे.
आरती प्रीतम प्यारी की,
कि बनवारी नथवारी की।
दुहुँन सर कनक-मुकुट झलकै,
दुहुँन श्रुति कुण्डल भल हलकै,
दुहुँन दृग प्रेम सुधा छलकै,
चसीले बैन, रसीले नैन, गँसीले सैन,
दुहुँन मैनन मनहारी की॥
दुहुँनि दृग चितवनि पर वारि,
दुहुँनि लट-लटकनि-छवि न्यारी,
दुहुँनि भौं-मटकनि अति प्यारी,
रसन मुख पान, हँसन मुस्कान, दसन दमकान,
दुहुँनि बेसर छवि न्यारी की॥
एक उर पीताम्बर फहरै,
एक उर नीलाम्बर लहरै,
दुहुँन उर लर-मोतिन छहरै,
कंकनन खनक, किंकिनिन झनक, नुपूरन भनक,
दुहुँन रुनझुन धुनि प्यारी की॥
एक सिर मोर-मुकुट राजै,
एक सिर चुनरी-छवि छाजै,
दुहुँन सिर तिरछे भल भ्राजै,
संग ब्रज बाल, लाडिली-लाल, बाँह गाल दाल,
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