Radha Swami Satsang Sabha: दयालबाग भूमि विवाद केस में हाईकोर्ट का 5 अक्टूबर तक स्टे, जानें अब तक क्या हुआ?
राधा स्वामी सत्संग सभा अध्यक्ष गुरु प्रसाद सूद, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव एवं अनूप श्रीवास्तव पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाए गए. तीनों के खिलाफ थाना न्यू आगरा थाना में दो मुकदमे दर्ज हुए थे. 14 सितंबर को न्यायालय ने सरकारी भूमि पर कब्जा हटाने का नोटिस दिया था.
Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दयालबाग भूमि विवाद के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल स्टे बढ़ा दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राधा सत्संग भवन ध्वस्तीकरण मामले में अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तारीख तय की है. तब तक स्थल पर यथास्थिति बनी रहेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने राधा स्वामी सत्संग सभा की याचिका पर यह आदेश दिया है. विगत रविवार को सत्संग सभा और पुलिस व जिला प्रशासन के बीच हुए बवाल के बाद सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में दो दिन का स्टे लिया था. जिस पर आज सुनवाई हुई. अब मामला 5 अक्टूबर को अदालत के समक्ष होगा
दयालबाग क्षेत्र में सार्वजनिक रास्ते पर हुए कब्जों को लेकर कार्रवाई के विरोध में राधा स्वामी सत्संग सभा ने याचिका दायर की थी. सुनवाई में शामिल होने के लिए मंगलवार रात को राजस्व रिकॉर्ड लेकर तहसील सदर के अधिकारी सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट रवाना हो गए. प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को सुनवाई से पूर्व कहा कि सार्वजनिक रास्तों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के संबंध में अपना पक्ष रखेंगे. हाईकोर्ट की कार्रवाई से पहले ही जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली थी. हाईकोर्ट में अपने पक्ष को मजबूती से रखने के लिए जिला प्रशासन ने चकबंदी के रिकॉर्ड खंगाल डाले. प्रशासन का दावा है कि यह दस्तावेज साफ कर देंगे कि आम रास्ता सार्वजनिक है, जिस पर किसी एक का अधिकार नहीं हो सकता है.
राधा स्वामी सत्संग सभा अध्यक्ष गुरु प्रसाद सूद, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव एवं अनूप श्रीवास्तव पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाए गए. तीनों के खिलाफ थाना न्यू आगरा में दो मुकदमे भी दर्ज हुए थे. 14 सितंबर को न्यायालय ने विभिन्न गाटा व खसरा नंबरों में सरकारी भूमि पर कब्जा हटाने का नोटिस दिया था.
न्यायालय द्वारा दिए गए नोटिस के विरुद्ध राधा स्वामी सत्संग सभा ने स्टे के लिए याचिका दायर की, जिसमें प्रमुख सचिव राजस्व, जिलाधिकारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, तहसीलदार सहित 7 लोगों को पक्षकार बनाया गया. 27 सितंबर तक के लिए हाईकोर्ट ने सत्संगियों को स्टे दिया था, जो अब 5 अक्टूबर तक बढ़ गया है. जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा.
वहीं राधा स्वामी सत्संग सभा के एक सत्संगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आपबीती सुनाई है, जिसमें उन्होंने सत्संगियों की ओर से किए जा रहे कई समाजसेवी कामों का हवाला देते हुए यालबाग क्षेत्र में चल रहे घटनाक्रम के बारे में अपना पक्ष रखा है. इस पत्र में सत्संगी ने पीएम मोदी से सत्संगियों और प्रशासन की टकराव के बारे में भी जिक्र किया है. राधा स्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैय्यर ने इस पत्र को लेकर पुष्टि की है.
इस मामले पर राजनीति भी होना शुरू हो गई है, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्संगियों पर हुई कार्रवाई को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए भाजपा पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि ये सत्संग की महान भारतीय परंपरा पर घातक प्रहार है, जिसका आस्थावान और शांतिप्रिय राधा स्वामी मतावलंबी पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. इस अन्याय के विरोध में सपा राधास्वामी सत्संग के साथ खड़ी है और दयालबाग को बचाने की मुहिम में हर तरह से साथ है. भाजपा का धर्म-विरोधी बुलडोजर जनता नहीं सहेगी.
बता दें राधा स्वामी सत्संग सभा ने खासपुर, जगन्नाथपुर, सिकंदरपुर व घटवासन मौजा में 1500 एकड़ भूमि पर स्वामित्व का दावा किया है. प्रशासनिक व अन्य विभागों की कार्रवाई के विरुद्ध याचिकाएं लंबित है. प्रशासन की तरफ से प्रभावी पैरवी नहीं होने के कारण पूर्व में लंबित याचिकाओं में अंतिम निर्णय नहीं हो सका है.
सत्संग सभा द्वारा दायर की गई याचिका 225 पेजों की है. जिसमें 1935 से लेकर 2012 तक हुए सभी एग्रीमेंट, लीज डीड व आदेशों की कॉपी लगाई है. इसके साथ 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार के नोटिस का जबाब व संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकॉर्ड को भी याचिका में शामिल किया गया है.