बाघों के वास स्थान और उनके व्यवहार को समझने के लिए सुंदरबन बाघ अभयारण्य में शुरू हुआ यह अभियान

पश्चिम बंगाल वन विभाग (West Bengal Forest Department) ने सुंदरबन बाघ अभयारण्य (Sunderban Tiger Reserve) में एक नर बाघ को रेडियो कॉलर (Radio Caller) लगाया है. एक शीर्ष वन अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुख्य वन्यजीव वार्डन वीके यादव ने बताया कि ‘सेफगार्ड टाइगर’ (बाघों की सुरक्षा से जुड़ा) अभियान से बाघों के वास स्थान समेत उनके व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2020 2:44 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल वन विभाग ने सुंदरबन बाघ अभयारण्य में एक नर बाघ को रेडियो कॉलर लगाया है. एक शीर्ष वन अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुख्य वन्यजीव वार्डन वीके यादव ने बताया कि ‘सेफगार्ड टाइगर’ (बाघों की सुरक्षा से जुड़ा) अभियान से बाघों के वास स्थान समेत उनके व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘नर बाघ को 26-27 दिसंबर को रेडियो कॉलर लगाया गया और उसे सुंदरबन बाघ अभयारण्य में छोड़ा गया, ताकि रेडियो उपकरण के जरिये बाघ-मानव के बीच के पारस्परिक व्यवहार का आकलन हो सके.’ रेडियो कॉलर एक ऐसा यंत्र है, जिसकी मदद से जानवरों की गतिविधियों का पता चलता है.

यह अभियान सुंदरबन बाघ अभयारण्य के बशीरहाट रेंज में किया गया. यादव ने कहा, ‘हम इस पर सैटेलाइट डेटा के जरिये निगरानी करेंगे और इस निगरानी से विश्व वन्यजीव कोष भी जुड़ा है.’ यादव ने कहा कि वन विभाग की योजना सुंदरबन में तीन और बाघों को सैटेलाइट रेडियो कॉलर लगाने की है.

Also Read: तृणमूल में शामिल होंगे बाबुल सुप्रियो! नेशनल चैनल के लोगो के साथ Viral News पर केंद्रीय मंत्री ने दी ये प्रतिक्रिया

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब पिछले कुछ महीनों में सुंदरबन में बाघ के हमले में कई लोग हताहत हो चुके हैं. हालांकि, वन अधिकारी का कहना है कि सुंदरबन के बाघ नरभक्षी नहीं हैं और बाघों के हमले के बाद ज्यादातर लोगों की मौत खून की भारी कमी की वजह से हुई, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए लाने में तीन से चार घंटे का समय लगा.

Also Read: LPG Cylinder Latest Updates : एलजीपी सिलेंडर की दरों पर सरकार लेगी बड़ा फैसला? आपकी जेब से है इसका सीधा संबंध

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version