धनबाद निगम क्षेत्र में 12.70 करोड़ के टेंडर को ले भिड़े रघुकुल व सिंह मेंशन समर्थक, पुलिस ने बरसायीं लाठियां
रघुकुल और सिंह मेंशन समर्थकों के बीच मंगलवार को कई बार भिड़ंत हुई. बवाल रोकने के लिए पुलिस को लाठियां बरसानी पड़ी. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच होगी. दोषी पाये जाने वाले निगम के निबंधित ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर ब्लैकलिस्ट किया जायेगा.
धनबाद नगर निगम में 12.70 करोड़ रुपये के टेंडर डालने को लेकर रघुकुल और सिंह मेंशन समर्थकों के बीच मंगलवार को कई बार भिड़ंत हुई. बवाल रोकने के लिए पुलिस को लाठियां बरसानी पड़ी. लुबी सर्कुलर रोड स्थित नगर निगम का कार्यालय पूरे दिन रणक्षेत्र-सा बना रहा. रह-रह कर मारपीट, गाली-गलौज होती रही. इस दौरान भगदड़ व जाम की स्थिति बनी रही. बताते चलें कि नगर निगम ने 12.70 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 56 योजनाओं के लिए टेंडर निकाला है. ये योजनाएं अलग-अलग वार्डों से संबद्ध हैं. रघुकुल और सिंह मेंशन समर्थक टेंडर पेपर डालने को लेकर बार-बार आमने-सामने आ रहे थे. पूर्वाह्न 11.30 से अपराह्न तीन बजे तक 10 से अधिक बार दोनों पक्षों में नोक-झोंक हुई. यही नहीं, अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह के समर्थकों की भी रघुकुल समर्थकों के साथ झड़प हुई. अंतत: सिंह मेंशन व विकास सिंह समर्थक टेंडर पेपर डालने में सफल रहे.
एक-दूसरे को उठा ले जाने की दी धमकी
दोपहर ढाई बजे के करीब सिंह मेंशन के करीब 20-25 समर्थक अमित गुप्ता, विवेक गुप्ता व साहिल के नेतृत्व में टेंडर डालने पहुंचे. सभी पांच वाहनों में सवार हो तेजी से नगर निगम कार्यालय परिसर में घुसे. यहां पहले से रघुकुल के 40-50 समर्थक खड़े थे. सिंह मेंशन समर्थक गाड़ियों से बाहर आते ही गालियां देते, शर्ट की बांह चढ़ाते हुए टेंडर पेटी की ओर चले गये. उनकी अचानक एंट्री से थोड़ी देर के लिए रघुकुल समर्थक सकते आ गये. सिंह मेंशन समर्थकों ने धड़ाधड़ टेंडर पेपर डाले और निकलने लगे. इसी दौरान रघुकुल समर्थक दिवाकर, भोला एवं अन्य ने गाली देनी शुरू कर दी.
दोनों के समर्थक एक-दूसरे की काॅलर पकड़कर धक्का-मुक्की करने लगे. उनमें हाथापाई शुरू हो गयी. वहां तैनात होमगार्ड के जवानों ने दोनों गुटों को बाहर खदेड़ने की कोशिश की. इसके बाद दोनों गुट स्वयं निगम कार्यालय से बाहर आ गये और एलसी रोड पर लड़ने लगे. यहां एक-दूसरे को उठा ले जाने की धमकी दी गयी. इसके बाद सिंह मेंशन समर्थक निकल गये. रघुकुल समर्थकों ने निगम कार्यालय के बाहर एलसी रोड कुछ देर के लिए जाम कर दिया और जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह व धनबाद विधायक राज सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी की. दोनों गुटों के बीच मारपीट का लाभ उठाकर कई छोटे ठेकेदारों ने भी समय सीमा समाप्त होने से पहले टेंडर पेपर डाल दिया.
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जिन टेंडरों के लिए हुआ हंगामा
बताया जाता है कि निगम द्वारा निकाले गये टेंडर 15 से 25 लाख रुपये के बीच के हैं. सोमवार को ठेकेदार एसोसिएशन ने बैठक कर टेंडर मैनेज कर लिया था. इसमें लगभग सारे ठेकेदार रघुकुल समर्थक थे. बताया जा रहा है कि कुछ ठेकेदारों ने इसका विरोध किया और खुद से टेंडर डालने की बात कही. यहीं से बात बिगड़ी. अपराह्न तीन बजे तक ही टेंडर डालने की समय सीमा थी.
झरिया निवासी का टेंडर पेपर छीनकर रघुकुल समर्थकों ने फाड़ा
अपने पक्ष में टेंडर मैनेज करने के लिए रघुकुल समर्थक सुबह से ही निगम परिसर में जमे थे. उधर, नगर निगम प्रशासन ने पुलिस सुरक्षा का इंतजाम कर रखा था. पुलिस हर व्यक्ति के कागजातों की जांच करने के बाद उसे निगम कार्यालय में प्रवेश करने दे रही थी. पूर्वाह्न 11.30 बजे झरिया का एक व्यक्ति टेंडर पेपर डालने पहुंचा, तो रघुकुल समर्थकों ने उसके साथ धक्का-मुक्की की और टेंडर पेपर छीन कर फाड़ दिया. एक और व्यक्ति के साथ भी ऐसा ही किया गया. इसी बीच एक व्यक्ति किसी तरह पेपर डालने में सफल रहा, तो रघुकुल समर्थक उसे जबरन खींचकर कार्यालय से बाहर ले गये. थोड़ी देर के बाद अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह का भतीजा व कांग्रेस नेता आदित्य सिंह समर्थकों के साथ टेंडर डालने पहुंचे. इस पर रघुकुल समर्थक दिवाकर सिंह व अन्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस पर दोनों पक्षों में गाली-गलौज व धक्का-मुक्की होने लगी. हालांकि ये लोग आदित्य सिंह को टेंडर डालने से नहीं रोक पाये. उसने दो से अधिक टेंडर पेपर डाले. इधर, दोनों पक्षों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. अपराह्न करीब दो बजे रघुकुल समर्थक भोला सिंह एक थैला टेंडर पेपर लेकर पहुंचा और आराम से एक-एक कर बॉक्स में डाला. उसे किसी ने नहीं रोका.
टेंडर प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी कराने का प्रयास किया गया. जिस तरह हंगामा किया गया है, यह अशोभनीय है. सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अगर इसमें टेंडर डालने से रोकने, मारपीट एवं गाली-गलौज करने में निगम के निबंधित ठेकेदार संलिप्त पाये जायेंगे, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर ब्लैकलिस्ट किया जायेगा.
-सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त
नगर निगम कार्यालय में पहले से पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी थी, लेकिन वहां दो पक्ष टेंडर डालने व रोकने को लेकर लगातार भिड़ते रहे. पुलिस उन्हें रोकती रही. अभी तक किसी ने प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन नहीं दिया है.
-संतोष कुमार गुप्ता, थाना प्रभारी, धनबाद
एक पक्ष द्वारा टेंडर मैनेज करने की सूचना मिली, तो मैंने अपने समर्थकों को भेजा, ताकि सभी लोग टेंडर डाल सकें. एक पक्ष ने टेंडर डालने आये व्यक्ति का अपहरण कर लिया. अन्य लोगों को भी रोका जा रहा था. नगर निगम और जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब भी टेंडर निकाले, तो सभी योग्य संवेदक टेंडर डाल सकें.
-रागिनी सिंह