Rahu Ketu Transit 2020: राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. इन दोनों ही ग्रहों को छाया ग्रह भी कहा जाता है. 23 सितम्बर यानि आज सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर राहु मिथुन से वृष राशि में और केतु धनु से वृश्चिक में प्रवेश कर चुके है. 23 सितम्बर के राहु-केतु के गोचर के समय शनि अपनी ही राशि मकर में जहां सशक्त नजर आ रहे हैं, वहीं मंगल भी अपनी ही राशि मेष में कठोरता से जम कर बैठे हैं.
शुक्र कर्क में, सूर्य कन्या में, बुध तुला में और गुरु अपनी राशि धनु में झण्डा गाड़े हुए हैं. ग्रहयोगों के मद्देनज़र यदि भारत के संदर्भ में बात करें तो अर्थव्यवस्था का संकट गहराएगा. शेयर बाजार अचानक गोता खाएगा. वहीं, इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. जिन लोगों की जन्म कुंडली में राहु और केतु शुभ अवस्था में है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है, लेकिन जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु अशुभ स्थिति में है, उन्हें परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं.
तिथि गवाह है कि जब-जब यह गोचर घटित हुआ है, कुछ अनिष्ट हुआ है. अब से लगभग 18 साल पहले जब गुजरात में दंगा हुआ था, तब राहु वृष और केतु वृश्चिक में ही था. एक से 8 जून 1984 में जब अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू हुआ था, तब राहु वृष में और केतु वृश्चिक में ही भ्रमणशील थे. 31 अक्टूबर 1984 को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या हुई और उसके बाद के दंगों के समय भी राहु-केतु इन्ही राशियों में चलायमान थे.
अप्रैल 1965 में जब भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था, तब भी राहु वृष में और केतु वृश्चिक राशि में ही विराजमान थे. 11 जनवरी 1966 को जब लालबहादुर शास्त्री की विचित्र परिस्थितियों में मृत्यु हुई थी, तब भी राहु-केतु की यही स्थिति थी. उसके पहले जब भारत आजाद हुआ और विभाजन के दरम्यान 5 से 10 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी, तब भी राहु वृष में और केतु वृश्चिक में ही भ्रमणशील थे.
राहु- केतु से दो खतरनाक योगों का निर्माण होता है. जिसमें एक है कालसर्प दोष और दूसरा है पितृ दोष. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में जब इन योगों का निर्माण होता है व्यक्ति का जीवन संकट और परेशानियों से भर जाता है. व्यक्ति को जॉब, व्यापार, शिक्षा और संतान से संबंधित परेशानी देने में इन दोनों ग्रहों का बहुत बड़ा योगदान होता है.
राहु-केतु का बुरा प्रभाव को समाप्त करने के लिए ये उपाय किया जा सकता है. इन दोनों ग्रहों को शांत रखने और इन शुभ फल प्राप्त करने के लिए शिव परिवार की उपासना नियम पूर्वक करनी चाहिए. शिव परिवार की पूजा करने से राहु और केतु की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही इन उपायों को भी अपनाए.
– गाय की सेवा करें और गाय को हरा चरा खिलाएं.
– गलत संगत और गलत आदतों से दूर रहें.
– स्वच्छ रहें और घर में कूड़ा आदि जमा न रहने दें.
– अपने सहयोगियों से विनम्रता से पेश आएं, उनका ध्यान रखें
– झूठ न बोलें और किसी को भी धोखा न दें.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha