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राहु तथा केतु के गोचर से अक्सर लोग तो डर जाते है
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दोनों ग्रह का अलग -अलग प्रभाव देता है राहु शनि की तरह प्रभाव देता है तथा केतु मंगल की तरह प्रभाव देता है
Rahu Ketu Upay: ज्योतिषशास्त्र में राहु- केतु की महादशा तथा अंतर्दशा के अंतर्गत व्यक्ति के जीवन में कई तरह से उतार चढ़ाव आते है.राहु तथा केतु के गोचर से अक्सर लोग तो डर जाते है. राहु एक अध्यात्मिक ग्रह है यह सिर्फ छाया ग्रह है ,जिस घर में बैठ जाते है उसी अनुसार यह फल देते है. सभी ग्रहों की तरह इनका दिर्ष्टि होता है .इनका दिर्ष्टि का प्रभाव भी खूब होता है इनका नवम तथा पंचम भाव पर पूर्ण दिर्ष्टि पड़ती है .दोनों ग्रह का अलग -अलग प्रभाव देता है राहु शनि की तरह प्रभाव देता है तथा केतु मंगल की तरह प्रभाव देता है.इनका प्रभाव आपके जन्मकुंडली के किस भाव में राहु -केतु बैठे है उसपर निर्भर करता है.राहु केतु सूर्य तथा चंद्रमा जैसे शुभ ग्रहों के शुभ तत्त्व को भी नष्ट कर देता है.
राहु केतु के कारण परिवार में बहुत सारे परेशानी बनता है बिना मतलब का झगड़ा- झंझट,जो लोग नौकरी कर रहे है उनके अधिकारी का बर्ताव ठीक नहीं रहता है ,कोर्ट कचहरी के कार्य में संलग्न करवाता है .पिता -पुत्र के रिश्ते में करवाहट बन जाती है .किसी कार्य को लेकर आप बाहर जायेगे वह कार्य पूर्ण नहीं होता है, भाई -बहन के साथ तनाव बना रहेगा . मकान ,भूमि वाहन आदि संसाधन का अभाव बना रहता है. आय में कमी तथा खर्च अधिक बना रहता है.दाम्पत्य जीवन के सुख में कमी तथा तलाक की संभावना ,पत्नी रोग से ग्रस्त रहती है .वह नेत्र तथा चर्म रोग से पीड़ित रहती है.राहु केतु के कारण पितृ दोष तथा कालसर्प दोष बनते है.
राहु केतु के बुरे प्रभाव को कैसे दूर करें
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु केतु छाया ग्रह होते है इसलिए इनका पूजन करना बहुत ही लाभकारी होता है .इसलिए राहु केतु के शांति के लिए भगवान शिव का पूजन करें, तथा चांदी के नाग बनाकर प्रत्येक सोमवार को पूजन करें, दुर्गा माता की पूजन करने से राहु केतु के प्रभाव दूर हो जाते है.
राहु केतु कैसे देते है शुभ फल
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राहु केतु के शुभ प्रभाव को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक दिन संध्या काल में राहु के मन्त्र का जाप करें ,हनुमान चालीसा का पाठ करें इससे राहु प्रसन्न होते है,सभी रुके हुए हुए कार्य पूर्ण होते है.
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भूमि -भवन का उतम सुख मिलने लगता है राजनीतिक में सफलता मिलता है.
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राहु केतु को ठीक करने के लिए क्या दान करें.
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शनिवार या पूर्णिमा को राहु के नक्षत्र अश्वनी ,मघा ,या मूल नक्षत्र में दान करें .दान में स्वयं के वजन के बराबर कस्तूरी ,तिल ,कला वस्त्र ,सप्तधान्य ,उड़द ,कम्बल नारियल तथा शास्त्र दक्षिणा
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सहित ब्राह्मण को या गणेश मंदिर में दान करें बेहतर लाभ होगा .
राहु -केतु के प्रबल करने के लिए रखे व्रत
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राहु -केतु को ठीक करने के लिए 18 शनिवार तक व्रत रखे ,काले रंग का वस्त्र धारण करके राहु के व्रत के दिन ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः इस मन्त्र का तथा केतु के लिए ॐ क्र केतवे नमः
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मन्त्र का 11माला या 05 माला जप करें .जप के समय पास में एक जल पात्र रखे उसमे दूर्वा तथा कुशा अपने पास रख ले जप होने के बाद इसे पीपल ले पेड़ में चढ़ा दे .इससे आपके शत्रु दूर होंगे.
राहु -केतु को ठीक करने के लिए कौन सा रत्न धारण करें
राहु -केतु को ठीक करने के लिए गोमेद तथा लहसुनिया रत्न धारण करें इसका उपरत्न लाज्यवर्त को शनिवार को चांदी में बनाकर दाहिने हाथ के मध्यमा ऊंगली में धारण करें राहु -केतु आपके जीवन में उन्नति देते है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847