13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राहुकाल आखिर क्या है? और राहुकाल में वर्जित कार्य कौन-कौन से हैं ?

राहुकाल कभी सुबह, कभी दोपहर तो कभी शाम के समय आता है, लेकिन सूर्यास्त से पूर्व ही पड़ता है. राहु काल की अवधि दिन के 8वें भाग के बराबर होती है यानी राहु काल का समय डेढ़ घंटा होता है.

क्या होता है राहु काल

राहुकाल स्थान और तिथि के अनुसार अलग-अलग होता है अर्थात प्रत्येक वार को अलग समय में शुरू होता है.यह काल कभी सुबह, कभी दोपहर तो कभी शाम के समय आता है, लेकिन सूर्यास्त से पूर्व ही पड़ता है.राहुकाल की अवधि दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय) के 8वें भाग के बराबर होती है यानी राहुकाल का समय डेढ़ घंटा होता है.यह प्रत्येक दिन 90 मिनट का एक निश्चित समय होता है.

कब-कब होता है राहु काल

रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक

सोमवार को सुबह 7.30 से 9 बजे तक

मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक

बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक

गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक

शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक

शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक के समय को राहु काल माना गया है.

राहु काल विचार दिन में ही किया जाता हैं. कुछ लोग रात्रि में भी राहु काल मानते हैं, लेकिन ये उचित नही हैं. राहु काल का विशेष विचार रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को आवश्यक माना गया हैं. बाकी दिनों में राहु काल का प्रभाव विशेष नहीं होता.

राहु काल में क्या न करें:

1. इस काल में यज्ञ, पूजा, पाठ आदि नहीं करते हैं, क्योंकि यह फलित नहीं होते हैं.

2. इस काल में नए व्यवसाय का शुभारंभ भी नहीं करना चाहिए.

3. इस काल में किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यात्रा भी नहीं करते हैं.

4. यदि आप कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस काल में यात्रा की शुरुआत न करें. यदि राहु काल के समय यात्रा करना जरूरी हो तो पान, दही या कुछ मीठा खाकर निकलें. घर से निकलने के पूर्व पहले 10 कदम उल्टे चलें और फिर यात्रा पर निकल जाएं.

5. इस काल में खरीदी-बिक्री करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे हानि भी हो सकती है.

6. राहु काल में विवाह, सगाई, धार्मिक कार्य या गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. यदि कोई मंगलकार्य या शुभकार्य करना हो तो हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद पंचामृत पीएं और फिर कोई कार्य करें.

7. इस काल में शुरु किया गया कोई भी शुभ कार्य बिना बाधा के पूरा नहीं होता. इसलिए यह कार्य न करें.

8. राहु काल के दौरान अग्नि, यात्रा, किसी वस्तु का क्रय विक्रय, लिखा पढ़ी व बहीखातों का काम नहीं करना चाहिए.

9. राहु काल में वाहन, मकान, मोबाइल, कम्प्यूटर, टेलीविजन, आभूषण या अन्य कोई भी बहुमूल्य वस्तु नहीं खरीदना चाहिए.

10. कुछ लोगों का मानना हैं कि राहु काल के समय में किए गए कार्य विपरीत व अनिष्ट फल प्रदान करते हैं.

क्या कर सकते हैं?

1. राहुकाल से संबंधित कार्य शुरु किए जा सकते हैं.

2. राहु ग्रह की शांति के लिए या दोष दूर करने हेतु कर्मकांड मंत्र पाठ आदि किए जा सकते हैं.

3. कालसर्प दोष की शांति के उपाय किए जा सकते हैं.

4. राहु का यंत्र धारण या राहु यंत्र दर्शन कार्य भी किए जा सकते हैं.

5. ध्यान, भक्ति के अलावा मौन रह सकते हैं.

संजीत कुमार मिश्रा ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें